अनम मिर्ज़ा: सानिया की बहन ने क्यों छोड़ा UPI? करोड़ों की मालकिन का फैसला
टेनिस की दुनिया की स्टार सानिया मिर्ज़ा को हर कोई जानता है। लेकिन अब उनकी बहन अनम मिर्ज़ा भी सुर्खियों में हैं। अनम एक सफल बिजनेसवुमन और करोड़ों की मालकिन हैं। हालांकि, उनका एक हालिया फैसला सबको हैरान कर रहा है। उन्होंने अपने खर्चों पर लगाम लगाने के लिए UPI का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया है। यह कदम आज के डिजिटल युग में काफी необы लगता है।
अनम का यह फैसला वित्तीय अनुशासन को लेकर एक बड़ी बहस छेड़ता है। खासकर उस दौर में जब डिजिटल पेमेंट हमारी आदत बन चुका है। इसके अलावा, यह दिखाता है कि सफलता के शिखर पर बैठे लोग भी आम इंसान की तरह अपनी वित्तीय आदतों को लेकर संघर्ष करते हैं। उनका यह कदम कई लोगों के लिए एक सबक हो सकता है।
कौन हैं अनम मिर्ज़ा? सिर्फ सानिया की बहन नहीं
अनम मिर्ज़ा की पहचान सिर्फ सानिया मिर्ज़ा की बहन तक सीमित नहीं है। उन्होंने अपनी एक अलग और मजबूत पहचान बनाई है। वह एक जानी-मानी फैशन स्टाइलिस्ट हैं। इसके साथ ही वह एक सफल उद्यमी भी हैं। उन्होंने अपने दम पर एक बड़ा कारोबारी साम्राज्य खड़ा किया है। यही कारण है कि आज उनकी खुद की एक अलग फैन फॉलोइंग है।
अनम ने पत्रकारिता की पढ़ाई की है। लेकिन उनकी रुचि हमेशा से फैशन और बिजनेस में रही। इसलिए, उन्होंने अपनी बहन सानिया के लिए बतौर स्टाइलिस्ट काम करना शुरू किया। यहीं से उनके पेशेवर सफर को एक नई दिशा मिली। अंततः उन्होंने अपने जुनून को ही अपना पेशा बना लिया।
एक सफल उद्यमी का सफर
अनम मिर्ज़ा कई सफल व्यवसायों की संचालिका हैं, जिनका सबसे जाना-माना ब्रांड ‘द लेबल बाजार’ है। यह एक फैशन प्रदर्शनी के लिए समर्पित मंच है, जो पूरे देश के डिज़ाइनरों को अपना काम प्रस्तुत करने का एक सुनहरा अवसर देता है। इसके अलावा, अनम एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी भी चलाती हैं। यह कंपनी ‘दुआ-ए-जश्न’ नाम से इवेंट्स का आयोजन करती है।
यही नहीं, वह अपनी बहन सानिया मिर्ज़ा के करियर को भी मैनेज करती हैं। वास्तव में, वह एक मल्टी-टास्कर हैं जो कई भूमिकाएं एक साथ निभाती हैं। इन सभी व्यवसायों से उन्होंने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। उनकी कुल नेट वर्थ लगभग 40-50 करोड़ रुपये बताई जाती है।
UPI से क्यों बनाई दूरी? खर्च पर लगाम की कोशिश
अनम मिर्ज़ा ने हाल ही में खुलासा किया कि उन्होंने UPI का उपयोग बंद कर दिया है। उनके इस फैसले के पीछे एक ठोस कारण है। उनका मानना था कि UPI की आसानी उनके खर्चों को बढ़ा रही थी। एक क्लिक में पेमेंट हो जाने से उन्हें पता ही नहीं चलता था कि वह कितना खर्च कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि वह गैर-जरूरी चीजों पर बहुत पैसा खर्च करने लगी थीं। उदाहरण के लिए, उन्हें हर दिन कॉफी पर 700-800 रुपये खर्च करने की आदत हो गई थी। जब उन्होंने अपने बैंक स्टेटमेंट देखे, तो वह हैरान रह गईं। इसी कारण, उन्होंने अपने खर्चों पर नियंत्रण पाने का फैसला किया।
डिजिटल पेमेंट की आसानी और चुनौती
UPI ने लेनदेन को बेहद आसान बना दिया है। लेकिन, इसकी यही आसानी कभी-कभी एक चुनौती बन जाती है। लोग बिना सोचे-समझे छोटी-छोटी चीजों पर खर्च कर देते हैं। ये छोटे खर्च मिलकर महीने के अंत में एक बड़ी रकम बन जाते हैं। अनम मिर्ज़ा की कहानी इसी मनोवैज्ञानिक प्रभाव को दर्शाती है।
अनम अब खर्च करने के लिए कैश या कार्ड का इस्तेमाल करती हैं। उनका मानना है कि जब हाथ से पैसे जाते हैं, तो खर्च का अहसास होता है। हालांकि, यह कदम डिजिटल इंडिया की मुहिम से थोड़ा अलग है, लेकिन व्यक्तिगत वित्तीय स्वास्थ्य के लिए यह एक महत्वपूर्ण फैसला हो सकता है।
करोड़ों की संपत्ति और निजी जीवन
अनम मिर्ज़ा का जीवन काफी शानदार है। वह न केवल एक सफल उद्यमी हैं, बल्कि उनका निजी जीवन भी चर्चा में रहता है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के बेटे मोहम्मद असदुद्दीन से शादी की है। इस तरह दो बड़े खेल परिवार एक हुए।
अनम और असद की एक बेटी भी है, जिसका नाम दुआ है। वह अक्सर अपने परिवार के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करती हैं। इसके अलावा, वह अपनी बहन सानिया मिर्ज़ा के शानदार करियर और जीवन में एक मजबूत स्तंभ रही हैं। दोनों बहनों के बीच का रिश्ता बेहद गहरा है।
निष्कर्ष: एक प्रेरणादायक फैसला
अंततः, अनम मिर्ज़ा की कहानी कई मायनों में प्रेरणा देती है। यह दिखाती है कि एक मजबूत इच्छाशक्ति से कोई भी अपनी पहचान बना सकता है। उन्होंने सानिया मिर्ज़ा की परछाई से निकलकर अपना एक मुकाम हासिल किया। उनका बिजनेस आज सफलताओं की नई कहानियां लिख रहा है।
इसके अलावा, UPI छोड़ने का उनका फैसला वित्तीय जागरूकता का एक बड़ा उदाहरण है। यह हमें सिखाता है कि हमें अपनी वित्तीय आदतों की समय-समय पर समीक्षा करनी चाहिए। यदि कोई आदत हमें नुकसान पहुंचा रही है, तो उसे बदलने में कोई हर्ज नहीं है। अनम मिर्ज़ा का यह कदम दिखाता है कि असली दौलत पैसे कमाना नहीं, बल्कि उसे सही तरीके से प्रबंधित करना है।