अपोलो हॉस्पिटल्स शेयर रिकॉर्ड ऊंचाई पर, जानें बड़ी वजह
शेयर बाजार में अपोलो हॉस्पिटल्स के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा गया। स्टॉक ने कारोबार के दौरान अपना सर्वकालिक उच्च स्तर छुआ। वास्तव में, यह ऐतिहासिक तेजी एक बड़ी कॉर्पोरेट घोषणा के बाद आई है। कंपनी ने अपनी फार्मेसी और डिजिटल स्वास्थ्य इकाई को अलग करने की योजना बनाई है। इस खबर से निवेशकों का भरोसा काफी बढ़ गया है।
इस तेजी का मुख्य कारण कंपनी की पुनर्गठन योजना है। प्रबंधन ने अपने फार्मेसी और डिजिटल कारोबार को अलग करने का फैसला किया है। इस नई कंपनी का नाम अपोलो हेल्थको लिमिटेड (Apollo HealthCo Ltd) रखा गया है, जिसके चलते बाजार में इस विलगीकरण को लेकर काफी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। यह पहल निवेशकों के लिए मूल्य सृजन की संभावनाओं को बढ़ा सकती है।
क्या है कंपनी की पुनर्गठन योजना?
अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड (AHEL) ने यह रणनीतिक फैसला लिया है। इसके तहत, कंपनी का मुख्य अस्पताल व्यवसाय अलग रहेगा। इसके अलावा, फार्मेसी वितरण और ऑनलाइन हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म ‘अपोलो 24/7’ को एक नई कंपनी में मिला दिया जाएगा। इस नई कंपनी को बाद में शेयर बाजार में लिस्ट कराया जाएगा।
इस पुनर्गठन का मकसद दोनों व्यवसायों को स्वतंत्र रूप से विकसित होने का मौका देना है। फार्मेसी कारोबार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए, एक अलग इकाई के रूप में यह बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। यह फैसला कंपनी के भविष्य के लिए काफी अहम माना जा रहा है।
निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम निवेशकों के लिए फायदेमंद है। उदाहरण के लिए, मौजूदा शेयरधारकों को नई कंपनी अपोलो हेल्थको में भी हिस्सेदारी मिल सकती है। इससे उनके निवेश का मूल्य बढ़ने की उम्मीद है। यह फैसला कंपनी की संपत्तियों का सही मूल्यांकन करने में भी मदद करेगा। ऐसी ही अन्य शेयर बाजार की खबरें निवेशकों को सूचित रहने में मदद करती हैं।
बाजार विशेषज्ञों की राय और भविष्य का नजरिया
विश्लेषकों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अपोलो का फार्मेसी बिजनेस एक मजबूत ग्रोथ इंजन है। इसे अलग करने से इसका सही मूल्य सामने आएगा। हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया में अभी कुछ समय लगेगा। इसके लिए नियामकीय मंजूरियों की आवश्यकता होगी।
अपोलो 24/7 डिजिटल प्लेटफॉर्म भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म में से एक है। नई कंपनी में इसका विलय इसके विस्तार में मदद करेगा। स्टॉक मार्केट से जुड़ी आधिकारिक जानकारी के लिए निवेशक बीएसई (BSE) की वेबसाइट देख सकते हैं।
अंततः, अपोलो हॉस्पिटल्स का यह फैसला भारतीय कॉर्पोरेट जगत में एक बड़ा कदम है। यह दिखाता है कि कंपनियां निवेशकों के लिए वैल्यू बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। यदि यह योजना सफल होती है, तो यह अन्य कंपनियों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है।