एबीवीपी का शिक्षा बंद: केरल में छात्र आंदोलन की वजह
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने बड़ा ऐलान किया है। संगठन ने सोमवार को केरल में राज्यव्यापी शिक्षा बंद का आह्वान किया है। एबीवीपी का शिक्षा बंद राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ है। यह विरोध प्रदर्शन सरकार की छात्र-विरोधी नीतियों को लेकर है। इसके अलावा, उच्च शिक्षा क्षेत्र के मुद्दे भी शामिल हैं।
यह फैसला केरल के हजारों छात्रों को प्रभावित करेगा। एबीवीपी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें प्लस वन सीट संकट एक प्रमुख मुद्दा है। इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालयों में कथित धांधली भी एक कारण है। इस कारण, यह शैक्षणिक हड़ताल काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
विरोध के पीछे के प्रमुख मुद्दे क्या हैं?
एबीवीपी ने कई ठोस कारण गिनाए हैं। ये मुद्दे सीधे तौर पर छात्रों के भविष्य से जुड़े हैं। संगठन का आरोप है कि सरकार इन्हें नजरअंदाज कर रही है। इसलिए, छात्रों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है।
प्लस वन सीटों का गहराता संकट
केरल में प्लस वन (11वीं कक्षा) में सीटों की कमी एक बड़ा संकट है। हजारों छात्र अच्छे अंक लाने के बाद भी दाखिले के लिए भटक रहे हैं। एबीवीपी का कहना है कि सरकार इस समस्या का समाधान नहीं कर पाई। वास्तव में, यह हर साल की समस्या बन गई है। इस कारण छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है।
उच्च शिक्षा क्षेत्र में अराजकता के आरोप
एबीवीपी ने उच्च शिक्षा क्षेत्र पर भी निशाना साधा है। विश्वविद्यालयों में पिछले दरवाजे से नियुक्तियों के आरोप हैं। भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने की बात कही गई है। इस कारण, योग्य उम्मीदवार पीछे रह जाते हैं। लेकिन वास्तव में, यह व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।
नई पाठ्यपुस्तकों में गंभीर त्रुटियां
इस शैक्षणिक वर्ष में वितरित नई पाठ्यपुस्तकों में कई गलतियां हैं। संगठन ने इस पर भी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह छात्रों को गलत जानकारी दे रहा है। इसके अलावा, यह शिक्षा की गुणवत्ता से सीधा खिलवाड़ है। यदि सही कदम नहीं उठाए गए, तो इसका दूरगामी असर होगा।
एबीवीपी का सरकार पर सीधा निशाना
एबीवीपी के राज्य सचिव एनसी श्रीजीत ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र को बर्बाद कर रही है। उन्होंने सरकार पर पूरी तरह से विफल होने का आरोप लगाया। इस बंद का उद्देश्य सरकार को नींद से जगाना है। जैसा कि हमारी पिछली रिपोर्ट में बताया गया था, शिक्षा सुधार एक महत्वपूर्ण विषय है।
संगठन का मानना है कि सरकार की नीतियां छात्रों के हित में नहीं हैं। बल्कि वे केवल राजनीतिक लाभ देख रही हैं। अंततः, इसका खामियाजा छात्रों और उनके अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है।
शिक्षा बंद का क्या होगा असर?
इस बंद के आह्वान से सोमवार को राज्य के स्कूल-कॉलेज बंद रह सकते हैं। इससे शैक्षणिक गतिविधियों पर सीधा असर पड़ेगा। हजारों छात्र और शिक्षक इससे प्रभावित होंगे। हालांकि, एबीवीपी का कहना है कि यह एक दिन की परेशानी बड़े सुधार के लिए जरूरी है।
यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है। अधिक जानकारी के लिए आप मातृभूमि की मूल रिपोर्ट पढ़ सकते हैं। अंततः, यह विरोध प्रदर्शन केरल की शिक्षा राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ सकता है।