केदारनाथ में हेलीकॉप्टर दुर्घटना: पायलट समेत 7 लोगों की मौत, जांच के आदेश जारी
देहरादून। उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में एक बड़ा हेलीकॉप्टर हादसा हुआ है। यह दुखद घटना केदारनाथ से कुछ ही किलोमीटर दूर गरुड़ चट्टी में घटी। इस केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश में पायलट समेत सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हेलीकॉप्टर में छह तीर्थयात्री सवार थे। ये सभी केदारनाथ धाम के दर्शन कर वापस लौट रहे थे। इस हादसे ने चारधाम यात्रा पर सुरक्षा संबंधी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह दुर्घटना सुबह के समय हुई। उस वक्त घाटी में घना कोहरा था। खराब मौसम को हादसे की शुरुआती वजह माना जा रहा है। हालांकि, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। इस कारण, हादसे की असली वजह जांच के बाद ही सामने आएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
कैसे हुआ यह दर्दनाक हादसा?
जानकारी के अनुसार, यह हेलीकॉप्टर आर्यन एविएशन कंपनी का था। इसने गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी। दर्शन के बाद तीर्थयात्रियों को लेकर वापस लौटते समय यह हादसे का शिकार हो गया। बताया जा रहा है कि गरुड़ चट्टी के पास मौसम अचानक खराब हो गया। इसके अलावा, घना कोहरा छाने से विजिबिलिटी लगभग शून्य हो गई थी।
पायलट ने हेलीकॉप्टर को नियंत्रित करने की कोशिश की होगी। लेकिन वास्तव में, खराब मौसम और पहाड़ी इलाके के कारण यह संभव नहीं हो सका। हेलीकॉप्टर एक पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि हेलीकॉप्टर में आग लग गई और उसके टुकड़े-टुकड़े हो गए। अंततः, इस हादसे में किसी को भी बचाया नहीं जा सका।
हादसा के बाद तत्काल बचाव और राहत कार्य
हादसे की सूचना मिलते ही राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और जिला पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं। लेकिन केदारनाथ घटनास्थल तक पहुंचना एक बड़ी चुनौती थी। इलाका बेहद दुर्गम है और मौसम भी लगातार खराब बना हुआ था। इसके बावजूद, बचाव दलों ने तेजी से काम किया। उन्होंने सभी सात शवों को बरामद कर लिया है।
शवों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। प्रशासन मृतकों के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है। उत्तराखंड सरकार ने मृतकों के परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। [नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Outbound Link)] ने भी इस पर अपनी रिपोर्ट तलब की है।
उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी
नागरिक उड्डयन मंत्री ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि DGCA की एक टीम मौके पर जाकर जांच करेगी। इस जांच में कई पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। उदाहरण के लिए, क्या हेलीकॉप्टर में कोई तकनीकी खराबी थी? क्या पायलट द्वारा किसी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का उल्लंघन हुआ? या यह हादसा पूरी तरह से केदारनाथ के मौसम की वजह से हुआ?
इसके अलावा, जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या खराब मौसम में उड़ान की अनुमति देना सही था। यदि नियमों का उल्लंघन पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ी इलाकों में हेलीकॉप्टर संचालन हमेशा जोखिम भरा होता है। यहाँ मौसम पल-पल बदलता है। इस घटना के बाद [उत्तराखंड में यात्रा सुरक्षा नियमों (Internal Link)] की समीक्षा की मांग उठने लगी है।
यह पहली बार नहीं है जब केदारनाथ घाटी में ऐसा हादसा हुआ हो। पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। फिलहाल, इस हादसे के बाद केदारनाथ घाटी में हेलीकॉप्टर सेवाओं को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।