गौरव तानेजा: जब ‘फ्लाइंग बीस्ट’ ने एयरलाइन की सुरक्षा पर उठाए थे गंभीर सवाल, सामने लाई थी अहम जानकारियां
नई दिल्ली। लोकप्रिय यूट्यूबर और पायलट गौरव तनेजा, जिन्हें ‘फ्लाइंग बीस्ट’ के नाम से जाना जाता है, एक बार फिर चर्चा में हैं। उनका एक पुराना मामला फिर से सामने आया है। इसमें उन्होंने अपनी तत्कालीन एयरलाइन (एयरएशिया इंडिया) पर गंभीर आरोप लगाए थे। तनेजा पायलट का दावा था कि एयरलाइन यात्रियों की जान जोखिम में डाल रही है। यह मामला विमानन सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल खड़े करता है।
गौरव तनेजा केवल एक कंटेंट क्रिएटर नहीं, बल्कि एक प्रशिक्षित कमर्शियल पायलट भी हैं। उन्होंने एयरलाइन उद्योग में विमान सुरक्षा से जुड़ी कई गंभीर खामियों को उजागर किया था, जिसके चलते उन्हें एयरलाइन कंपनी की ओर से नाराजगी का सामना भी करना पड़ा था। लेकिन वास्तव में, उनके उठाए गए मुद्दों ने行业 में एक बड़ी बहस छेड़ दी थी। आइए इस पूरे विवाद को विस्तार से समझते हैं।
पायलट: क्या था सुरक्षा से जुड़ा पूरा विवाद?
यह विवाद मुख्य रूप से विमान की लैंडिंग प्रक्रिया से जुड़ा था। गौरव तनेजा ने आरोप लगाया था कि एयरलाइन पायलटों पर दबाव डालती थी। यह दबाव ‘फ्लैप 3’ मोड में लैंडिंग करने के लिए था। विमान में फ्लैप्स पंखों का हिस्सा होते हैं। ये लैंडिंग के दौरान गति को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
‘फ्लैप 3’ लैंडिंग से विमान का ईंधन कम खर्च होता है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में यह जोखिम भरा हो सकता है। उदाहरण के लिए, गीले रनवे या खराब मौसम में ‘फ्लैप 4’ लैंडिंग ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है। तनेजा के अनुसार, कंपनी ईंधन बचाने के लिए सुरक्षा से समझौता कर रही थी।
एयर इंडिया पायलट आवाज उठाने पर हुए थे सस्पेंड
जब गौरव तनेजा ने इस नीति का विरोध किया, तो एयरलाइन ने उन्हें निलंबित कर दिया। उन्होंने इस मुद्दे को सार्वजनिक करने का फैसला किया। इसके अलावा, उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर एक विस्तृत वीडियो जारी किया। इस वीडियो का शीर्षक था ‘यात्रियों की सुरक्षा के लिए मेरी आवाज’।
इस वीडियो में उन्होंने पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे एयरलाइन की नीतियां पायलटों के लिए दुविधा पैदा कर रही थीं। एक तरफ कंपनी का दबाव था। तो दूसरी तरफ यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। अंततः, इस खुलासे के बाद मामला नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) तक पहुंचा।
DGCA की जांच में सही पाए गए आरोप
इस मामले ने जब तूल पकड़ा, तो [नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) (Outbound Link)] ने जांच शुरू की। DGCA भारत में विमानन सुरक्षा की सर्वोच्च संस्था है। जांच में गौरव तनेजा द्वारा उठाए गए मुद्दे सही पाए गए। DGCA ने एयरलाइन के दो वरिष्ठ अधिकारियों को सुरक्षा नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया।
इसके बाद, उन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। यह गौरव तनेजा के लिए एक बड़ी जीत थी। यह साबित हो गया कि उनके आरोप बेबुनियाद नहीं थे। बल्कि वे एक गंभीर सुरक्षा मुद्दे को उजागर कर रहे थे। इस घटना ने दिखाया कि व्हिसलब्लोअर की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है।
क्यों महत्वपूर्ण है एयर इंडिया मामला?
यह मामला हमें याद दिलाता है कि विमानन उद्योग में सुरक्षा सर्वोपरि है। किसी भी तरह की लागत कटौती यात्रियों की जान पर भारी पड़ सकती है। गौरव तनेजा के इस कदम ने कई अन्य पायलटों को भी सुरक्षा के लिए बोलने का साहस दिया। यदि आप विमानन सुरक्षा से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ना चाहते हैं, तो [एविएशन सेफ्टी न्यूज (Internal Link)] पर जा सकते हैं।
यह घटना दिखाती है कि नियमों का पालन कितना आवश्यक है। खासकर जब बात सैकड़ों लोगों की जान की हो। तनेजा का मामला आज भी एक उदाहरण के तौर पर देखा जाता है।