फास्टैग annual-pass जल्द: गडकरी का बड़ा ऐलान, टोल पर मिलेगी छूट
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ी घोषणा की है। सरकार जल्द ही फास्टैग annual-pass की सुविधा शुरू कर सकती है। इस कारण, हाईवे पर अक्सर सफर करने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। यह एक तरह का सालाना पास होगा, जिससे टोल खर्च में कमी आएगी।
नितिन गडकरी की इस घोषणा से टोल टैक्स छूट की उम्मीदें बढ़ गई हैं। हालांकि, यह योजना अभी प्रस्ताव के चरण में है। इस वार्षिक FASTag योजना का उद्देश्य नियमित यात्रियों का बोझ कम करना है। वास्तव में, यह लाखों लोगों के लिए एक बड़ी बचत साबित हो सकती है।
क्या है फास्टैग एनुअल पास की योजना?
फास्टैग एनुअल पास एक विशेष तरह का प्रीपेड पास होगा। यह उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है जो एक ही रूट पर बार-बार यात्रा करते हैं। उदाहरण के लिए, जो लोग पास के शहर में नौकरी करने के लिए रोज हाईवे का उपयोग करते हैं। उन्हें हर बार टोल चुकाने से छुटकारा मिल सकता है।
इस योजना के तहत, उपयोगकर्ता एक निश्चित राशि देकर पास खरीद सकेंगे। यह पास एक निश्चित संख्या में यात्राओं या एक निश्चित अवधि के लिए वैध होगा। इसलिए, यह दैनिक और साप्ताहिक यात्रियों के लिए बहुत फायदेमंद होगा।
कितनी होगी कीमत और क्या मिलेंगे फायदे?
नितिन गडकरी ने एक संभावित मॉडल का जिक्र किया है। उनके अनुसार, एक प्रस्ताव 3,000 रुपये में 200 यात्राओं का है। यदि यह मॉडल लागू होता है, तो प्रति यात्रा टोल लागत बहुत कम हो जाएगी। यह नियमित यात्रियों के लिए एक बड़ी आर्थिक राहत होगी।
इसके अलावा, सरकार अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रही है। अंतिम कीमत और यात्राओं की संख्या पर फैसला जल्द हो सकता है। लेकिन, यह तय है कि योजना का मुख्य लक्ष्य बचत प्रदान करना है। इससे डिजिटल टोल कलेक्शन को भी बढ़ावा मिलेगा।
आम आदमी पर क्या होगा इसका असर?
इस योजना का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। जो लोग काम या व्यापार के लिए रोज हाईवे से गुजरते हैं, उनका मासिक खर्च घटेगा। बल्कि, इससे यात्रा में समय की भी बचत होगी। बार-बार टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत कम होगी।
यह कदम भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग इंफ्रास्ट्रक्चर (Internal Link) को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाएगा। यह सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन को भी समर्थन देता है। अंततः, इससे टोल कलेक्शन प्रक्रिया और अधिक सुगम हो जाएगी।
कब तक लागू हो सकती है यह योजना?
यह घोषणा अभी शुरुआती दौर में है। सरकार और संबंधित विभाग इसके तकनीकी और वित्तीय पहलुओं पर काम कर रहे हैं। जैसा कि NDTV की रिपोर्ट (Outbound Link) में बताया गया है, यह एक प्रस्ताव है जिसे अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
हालांकि, गडकरी के बयान से यह साफ है कि सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में इस पर कोई ठोस फैसला लिया जा सकता है। यह योजना लागू होने के बाद टोल यात्रा के अनुभव को पूरी तरह बदल सकती है।