इंडिगो फ्लाइट में बड़ा हादसा टला: ईंधन की कमी से हड़कंप
गुवाहाटी से चेन्नई जा रही इंडिगो की एक फ्लाइट में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा टल गया। विमान में सैकड़ों यात्री सवार थे। लैंडिंग के असफल प्रयास और विमान में ईंधन की कमी के कारण पायलट को “मेडे” कॉल करना पड़ा। इस घटना ने यात्रियों की सांसें अटका दीं। लेकिन वास्तव में, यह एक बड़ी त्रासदी में बदल सकती थी।
यह गंभीर घटना विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। पायलट की सूझबूझ और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के तुरंत एक्शन से स्थिति संभल गई। इसके अलावा, इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। यह इंडिगो फ्लाइट हादसा हाल के समय की सबसे बड़ी विमानन घटनाओं में से एक है।
घटना का विवरण: आखिरी पलों में क्या हुआ?
इंडिगो की फ्लाइट 6E-2126 अपने निर्धारित समय पर गुवाहाटी से निकली थी। चेन्नई हवाई अड्डे पर लैंडिंग के दौरान समस्या शुरू हुई। पायलट ने विमान को उतारने का पहला प्रयास किया। हालांकि, यह प्रयास सफल नहीं हो सका। इस कारण, पायलट को ‘गो-अराउंड’ करना पड़ा, यानी विमान को दोबारा हवा में ले जाना पड़ा।
इसी दौरान पायलट को एक और गंभीर समस्या का पता चला। विमान में ईंधन खतरनाक स्तर तक कम हो गया था। विमान के पास हवा में ज्यादा देर रहने का विकल्प नहीं था। नतीजतन, पायलट ने तुरंत आपातकालीन स्थिति की घोषणा कर दी। उन्होंने ATC को “मेडे” कॉल जारी किया।
“मेडे” कॉल का मतलब और इमरजेंसी प्रोटोकॉल
“मेडे” कॉल विमानन जगत में सबसे गंभीर आपातकालीन संकेत है। इसका मतलब होता है कि विमान और यात्रियों की जान तत्काल खतरे में है। यह संकेत मिलते ही ATC ने तुरंत एक्शन लिया। चेन्नई हवाई अड्डे पर पूर्ण आपातकाल घोषित कर दिया गया।
इसलिए, उस फ्लाइट को लैंडिंग के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। हवाई अड्डे पर फायर ब्रिगेड और मेडिकल टीमों को तैनात कर दिया गया। कुछ ही मिनटों के तनाव के बाद, विमान को सफलतापूर्वक लैंड करा लिया गया। सभी यात्री और क्रू सदस्य सुरक्षित हैं।
ईंधन की कमी: एक गंभीर लापरवाही का संकेत?
किसी भी उड़ान के लिए ईंधन की मात्रा की गणना बहुत सटीक होती है। इसमें वैकल्पिक हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त ईंधन भी शामिल होता है। उदाहरण के लिए, खराब मौसम या किसी अन्य कारण से विमान को डायवर्ट करना पड़ सकता है। इस मामले में ईंधन की कमी एक बड़ी चूक की ओर इशारा करती है।
यह घटना भारत में विमानन सुरक्षा नियमों के पालन पर भी सवाल उठाती है। (यह एक आंतरिक लिंक है) जांच में यह पता लगाया जाएगा कि ईंधन की गणना में गलती हुई या कोई तकनीकी रिसाव था।
DGCA ने दिए जांच के आदेश
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने एक विस्तृत जांच शुरू कर दी है। जांच में कई पहलुओं को शामिल किया जाएगा। इसमें पायलट और क्रू सदस्यों से पूछताछ भी होगी। साथ ही, विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) की भी जांच होगी।
इंडिगो एयरलाइन ने भी एक बयान जारी किया है। उन्होंने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद जताया है। एयरलाइन ने कहा कि वे जांच में अधिकारियों का पूरा सहयोग कर रहे हैं। विमानन सुरक्षा से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप DGCA की आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं। (यह एक बाहरी लिंक है)
अंततः, यह एक ऐसी घटना थी जो एक बड़ी त्रासदी बन सकती थी। पायलट के सही समय पर लिए गए फैसले ने सैकड़ों जानें बचा लीं। लेकिन इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि विमानन क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की कोताही की कोई गुंजाइश नहीं है।