Monday, July 28, 2025
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    गुरु पूर्णिमा 2025: जानिए तिथि, महत्व और पूजा विधि।

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    गुरु पूर्णिमा 2025: जानिए तिथि, महत्व और पूजा विधि।

    गुरु पूर्णिमा 2025 का पर्व पूरे भारत में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जाएगा। यह दिन गुरुओं को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व आषाढ़ मास की पूर्णिमा को आता है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा करते हैं। इसलिए, यह पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है।

    यह पर्व सिर्फ आध्यात्मिक गुरुओं तक सीमित नहीं है। बल्कि, यह जीवन में मार्गदर्शन देने वाले हर व्यक्ति के प्रति आभार जताने का दिन है। इसमें हमारे माता-पिता, शिक्षक और बड़े शामिल हैं। यह दिन हमें ज्ञान और संस्कारों की याद दिलाता है।

    व्यास पूर्णिमा के रूप में क्यों है खास?

    गुरु पूर्णिमा का पौराणिक महत्व बहुत गहरा है। इस दिन को महर्षि वेद व्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। वेद व्यास को वेदों का ज्ञान व्यवस्थित करने का श्रेय दिया जाता है। इसके अलावा, उन्होंने महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना की थी।

    गुरु पूर्णिमा

    उन्हें मानव जाति का प्रथम गुरु भी माना जाता है। इस कारण, गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन उनकी पूजा का विशेष विधान है। अंततः, यह पर्व ज्ञान की परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रतीक है।

    गुरु-शिष्य परंपरा का महान पर्व

    भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर माना गया है। ‘गुरु’ शब्द का अर्थ है अंधकार को दूर करने वाला। गुरु अपने ज्ञान से शिष्य के जीवन में प्रकाश लाते हैं।

    लेकिन वास्तव में, यह रिश्ता केवल ज्ञान देने तक सीमित नहीं है। यह एक गहरा आध्यात्मिक संबंध है। गुरु पूर्णिमा इसी पवित्र रिश्ते का उत्सव है। उदाहरण के लिए, इस दिन शिष्य अपने गुरु के प्रति अपनी आभार व्यक्त करते हैं।

    यह भारतीय त्योहारों की समृद्ध परंपरा का एक अहम हिस्सा है। यह हमें नैतिक मूल्यों की याद दिलाता है।

    आधुनिक समय में गुरु पूर्णिमा की प्रासंगिकता

    आज के समय में गुरु की परिभाषा बदल गई है। अब यह केवल आध्यात्मिक गुरुओं तक सीमित नहीं है। हमारे स्कूल और कॉलेज के शिक्षक भी गुरु हैं। हमारे माता-पिता हमारे पहले गुरु होते हैं। यदि कोई व्यक्ति हमें सही राह दिखाता है, तो वह भी गुरु समान है।

    इसलिए, गुरु पूर्णिमा हमें हर उस व्यक्ति का सम्मान करना सिखाती है, जिसने हमारे जीवन को बेहतर बनाया है। यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक पर्व बन चुका है।

    इस पर्व की सही तिथि और पूजा के शुभ मुहूर्त की विस्तृत जानकारी के लिए आप द्रिक पंचांग जैसी विश्वसनीय वेबसाइट देख सकते हैं।

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