मुख्य बिंदु:
- पंजाब पुलिस जल्द ही नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लागू करेगी।
- यह SOP सैन्यकर्मियों से जुड़े आपराधिक मामलों के लिए है।
- अब किसी भी मामले में सेना को तुरंत सूचना देना अनिवार्य होगा।
- इसका उद्देश्य सेना और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है।
पंजाब पुलिस ने सैन्यकर्मियों से जुड़े मामलों के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का मसौदा तैयार कर लिया है। इसलिए, अब राज्य में किसी भी फौजी से संबंधित आपराधिक मामले में पुलिस को तुरंत सेना को सूचित करना होगा। पंजाब पुलिस की यह नई SOP सेना और पुलिस के बीच समन्वय को मजबूत करेगी। वास्तव में, यह कदम हाल ही में हुई एक घटना के बाद उठाया गया है। इससे जवानों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
यह फैसला सेना के पश्चिमी कमान और पंजाब पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के बीच हुई बैठकों के बाद आया है। इसके अलावा, राज्य सरकार भी इस प्रक्रिया में शामिल रही। इस SOP का मुख्य लक्ष्य सेना-पुलिस समन्वय को बेहतर बनाना है। साथ ही, सैन्यकर्मी सुरक्षा को लेकर चिंताओं को दूर करना भी एक प्राथमिकता है।
नई SOP की जरूरत क्यों पड़ी?
इस नई SOP की जरूरत बटाला में हुई एक घटना के कारण महसूस हुई। दरअसल, वहां छुट्टी पर आए एक फौजी के साथ कथित तौर पर पुलिसकर्मियों ने मारपीट की थी। यह विवाद पार्किंग को लेकर शुरू हुआ था। इस कारण, इस घटना ने सेना और पुलिस के संबंधों में तनाव पैदा कर दिया था।
उस मामले में, आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था। हालांकि, इस घटना ने एक बड़े प्रणालीगत मुद्दे को उजागर किया। यह मुद्दा था सैन्यकर्मियों से जुड़े मामलों में पारदर्शिता की कमी। इसी कमी को दूर करने के लिए नए दिशानिर्देश बनाए गए हैं।
क्या हैं नई SOP के प्रमुख प्रावधान?
नई SOP के तहत अब कुछ नियम अनिवार्य होंगे। उदाहरण के लिए, यदि कोई सैनिक किसी मामले में आरोपी या पीड़ित है, तो स्थानीय पुलिस को तत्काल निकटतम सैन्य इकाई या स्टेशन कमांडर को सूचित करना होगा। यह सूचना बिना किसी देरी के दी जानी चाहिए।
इसके अलावा, सेना के अधिकारी को मामले की संयुक्त जांच या सत्यापन में शामिल होने का अवसर मिलेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि पुलिस कोई भी एकतरफा कार्रवाई न करे। यदि तो मामला गंभीर है, तो सेना की उपस्थिति और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी। यह प्रक्रिया पारदर्शिता बढ़ाएगी और गलतफहमी को कम करेगी।
विश्वास बहाली की एक बड़ी कोशिश
यह SOP सिर्फ एक प्रक्रियात्मक बदलाव नहीं है। बल्कि यह सेना और पुलिस के बीच विश्वास बहाली का एक महत्वपूर्ण कदम है। देश की सेवा करने वाले सैनिकों को यह भरोसा मिलेगा कि उनके साथ निष्पक्ष व्यवहार होगा। इससे दोनों बलों का मनोबल भी बढ़ेगा।
पुलिस महानिदेशक (DGP) कार्यालय ने इस मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है। अब इसे जल्द ही पंजाब सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। अंततः, इसके लागू होने के बाद पंजाब देश के उन कुछ राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहाँ सैनिकों के लिए ऐसी विशेष व्यवस्था है।
यह कदम सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में बटाला जैसी घटनाएं दोबारा न हों। पुलिस और सेना, दोनों ही अनुशासन और कानून के सम्मान के लिए जाने जाते हैं। यह नई SOP इसी सम्मान को और मजबूत करेगी।
यह भी पढ़ें: पंजाब में पुलिस सुधारों पर हमारी विस्तृत रिपोर्ट (यह एक आंतरिक लिंक है)
अधिक जानकारी के लिए देखें: भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट (यह एक आउटबाउंड लिंक है)