सावन 2025: जानें सही तारीखें और सोमवार व्रत कैलेंडर
भगवान शिव को समर्पित पवित्र सावन 2025 का महीना आने वाला है। हिन्दू धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व होता है। इसलिए, शिव भक्त इस महीने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस साल तिथियों को लेकर कोई बड़ा भ्रम नहीं है। इसके अलावा, सावन पूरे 30 दिनों का होगा, क्योंकि कोई अधिकमास नहीं है।
यह महीना शिव पूजा, व्रत और अनुष्ठान के लिए उत्तम माना जाता है। वास्तव में, इस दौरान की गई पूजा का फल शीघ्र मिलता है। आइए जानते हैं साल 2025 में सावन कब शुरू हो रहा है। हम सोमवार व्रत की तारीखों पर भी नजर डालेंगे।
इस साल कब से शुरू होगा सावन?
हिन्दू पंचांग में दो प्रमुख कैलेंडर प्रणालियां हैं। एक पूर्णिमांत और दूसरी अमांत। इसी कारण, देश के अलग-अलग हिस्सों में सावन की शुरुआत अलग-अलग दिन होती है। हालांकि, दोनों कैलेंडर में त्योहार एक ही दिन पड़ते हैं। यह समझना भक्तों के लिए बहुत जरूरी है।
तिथियों में क्यों होता है क्षेत्रीय अंतर?
उत्तरी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पूर्णिमांत कैलेंडर चलता है। इसके अनुसार, महीना पूर्णिमा के अगले दिन से शुरू होता है। लेकिन, गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में अमांत कैलेंडर का पालन होता है। यहां महीना अमावस्या के बाद शुरू माना जाता है।
उत्तर भारत के लिए सावन 2025 की तारीखें (पूर्णिमांत)
पूर्णिमांत कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास 2025 की शुरुआत 22 जुलाई से होगी। इसका समापन 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा पर होगा। इस दौरान कुल चार सोमवार व्रत पड़ेंगे।
- सावन का पहला सोमवार: 28 जुलाई 2025
- सावन का दूसरा सोमवार: 04 अगस्त 2025
- सावन का तीसरा सोमवार: 11 अगस्त 2025
- सावन का चौथा सोमवार: 18 अगस्त 2025
दक्षिण और पश्चिम भारत की तारीखें (अमांत)
अमांत कैलेंडर का पालन करने वाले क्षेत्रों में सावन का महीना 7 अगस्त से शुरू होगा। यह 5 सितंबर 2025 को समाप्त होगा। इस कैलेंडर के अनुसार भी चार सोमवार व्रत रखे जाएंगे।
- पहला सोमवार व्रत: 11 अगस्त 2025
- दूसरा सोमवार व्रत: 18 अगस्त 2025
- तीसरा सोमवार व्रत: 25 अगस्त 2025
- चौथा सोमवार व्रत: 01 सितंबर 2025
यदि तिथियों में कोई संदेह हो, तो स्थानीय पंचांग देखना सबसे बेहतर है।
श्रावण सोमवार व्रत का विशेष महत्व
सावन के महीने में सोमवार का व्रत रखना बहुत फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। वे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। उदाहरण के लिए, अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की कामना से यह व्रत रखती हैं। वहीं, विवाहित महिलाएं परिवार की सुख-शांति के लिए व्रत करती हैं।
भगवान शिव की पूजा विधि और मंत्रों के बारे में विस्तार से जानने के लिए, आप हमारा यह लेख पढ़ सकते हैं: शिव पूजा की संपूर्ण विधि।
निष्कर्ष: आस्था और भक्ति का संगम
अंततः, सावन 2025 का महीना भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा लेकर आ रहा है। यह समय आत्म-शुद्धि और भक्ति के लिए सर्वोत्तम है। सही तारीखों की जानकारी से आप अपनी पूजा और व्रतों की योजना बना सकते हैं। यह महीना पूरी तरह से शिव भक्ति में डूब जाने का अवसर देता है।
पंचांग और त्योहारों की विस्तृत तिथियों की पुष्टि के लिए आप द्रिक पंचांग जैसी विश्वसनीय वेबसाइट देख सकते हैं।