Monday, July 28, 2025
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    कॉइनडीसीएक्स में बड़ी हैकिंग: ₹367 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी चोरी

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    कॉइनडीसीएक्स में बड़ी हैकिंग: ₹367 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी चोरी

    प्रमुख भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स में एक बड़ी कॉइनडीसीएक्स हैकिंग हुई है। इस साइबर हमले में हैकर्स ने करीब 44 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली है। भारतीय रुपये में यह रकम लगभग ₹367 करोड़ बनती है। वास्तव में, यह घटना भारतीय क्रिप्टो बाजार के लिए एक बड़ा झटका है।

    इस सुरक्षा दुर्घटना ने क्रिप्टो मुद्रा एक्सचेंजों की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरे संदेह की स्थिति पैदा कर दी है। साथ ही, भारत में लाखों क्रिप्टो निवेशकों में चिंता की लहर दौड़ गई है। कंपनी ने तत्काल प्रभाव से सभी निकासी और जमा सेवाओं को रोक दिया है।

    कंपनी ने क्या कदम उठाए?

    घटना के तुरंत बाद कंपनी एक्शन में आ गई। कॉइनडीसीएक्स के सीईओ सुमित गुप्ता ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्थिति पर काबू पाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इस कारण, फंड्स की आगे की चोरी को रोक दिया गया है।

    कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि वह इस मामले की जांच कर रही है। इसके अलावा, टॉप साइबर सुरक्षा फर्मों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद ली जा रही है।

    निवेशकों को दिया सुरक्षा का भरोसा

    सबसे बड़ी चिंता निवेशकों के पैसे को लेकर है। हालांकि, कॉइनडीसीएक्स ने साफ किया है कि निवेशकों को कोई नुकसान नहीं होगा। कंपनी ने कहा कि वह इस नुकसान की कंपनी अपने रिजर्व फंड से ही भरपाई करेगी। आखिरकार, उपयोगकर्ताओं की धनराशि पूरी तरह सुरक्षित है, यह स्पष्ट किया गया है।

    कॉइनडीसीएक्स

    हैकर्स ने कैसे दिया घटना को अंजाम?

    शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हैकिंग एक्सचेंज के ‘हॉट वॉलेट’ से हुई। हॉट वॉलेट इंटरनेट से जुड़े होते हैं। इनका इस्तेमाल तेजी से लेनदेन के लिए होता है। हैकर्स ने इसी कनेक्शन का फायदा उठाकर फंड्स ट्रांसफर कर लिए।

    इसके विपरीत, ‘कोल्ड वॉलेट’ ऑफलाइन होते हैं। उन्हें ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। लेकिन ज्यादातर एक्सचेंज रोज के ट्रांजैक्शन के लिए हॉट वॉलेट का उपयोग करते हैं।

    भारतीय क्रिप्टो बाजार पर असर

    इस घटना ने पूरे क्रिप्टो उद्योग में हलचल मचा दी है। यह भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन की जरूरत को फिर से रेखांकित करता है। उदाहरण के लिए, ऐसी घटनाओं से निवेशकों का भरोसा कम होता है। यदि सरकार सख्त नियम बनाती है तो एक्सचेंजों की जवाबदेही बढ़ेगी।

    यह पहली बार नहीं है जब किसी क्रिप्टो एक्सचेंज को हैक किया गया हो। पहले भी दुनिया भर में कई बड़े एक्सचेंज साइबर हमलों का शिकार हो चुके हैं। इसलिए, निवेशकों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।

    क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के जोखिमों के बारे में हमारे इस लेख में और पढ़ें


    आप कॉइनडीसीएक्स के आधिकारिक ब्लॉग पर अपडेट्स देख सकते हैं

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