1. स्थिति की पृष्ठभूमि: किसानों की आर्थिक संबल योजना
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है। जिसका उद्देश्य देश के करोड़ों किसानों को सीधी आर्थिक सहायता प्रदान करना है। फरवरी 2019 में शुरू की गई इस योजना के तहत, पात्र किसान परिवारों को प्रति वर्ष ₹6,000 की राशि तीन समान किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है।
यह योजना न केवल किसानों को कृषि संबंधित तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है। बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक माहौल भी बनाती है। योजना की पारदर्शिता और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) प्रणाली इसकी प्रमुख विशेषताओं में से एक है।
2. ताजा अपडेट: 18वीं किस्त पर निगाहें

देशभर के करोड़ों किसान अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 18वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं। कृषि मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, आगामी किस्त जारी करने की प्रक्रिया अंतिम चरणों में है। और जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। पिछली, यानी 17वीं किस्त, फरवरी 2025 में जारी की गई थी, जिससे लगभग 9 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ पहुंचा था।
सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि योजना का लाभ केवल पात्र किसानों तक ही पहुंचे। इसके लिए eKYC (इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर), बैंक खाते का आधार से जुड़ा होना और भूमि रिकॉर्ड का सत्यापन अनिवार्य किया गया है। जिन किसानों ने इन प्रक्रियाओं को पूरा नहीं किया है, उन्हें किस्त मिलने में बाधा आ सकती है।
महत्वपूर्ण अनिवार्यताएं:
- eKYC पूर्ण होना: पीएम किसान पोर्टल या निकटतम CSC केंद्र के माध्यम से eKYC करवाना आवश्यक है।
- बैंक खाता आधार-सीडेड: लाभार्थी का बैंक खाता आधार संख्या से जुड़ा होना चाहिए और NPCI से मैप होना चाहिए।
- भूमि सत्यापन (Land Seeding): किसान के नाम पर दर्ज भूमि का रिकॉर्ड सरकारी डेटाबेस में सत्यापित होना चाहिए।
कृषि विभाग द्वारा लगातार किसानों को इन औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। ताकि वे बिना किसी रुकावट के योजना का लाभ प्राप्त कर सकें।
3. सरकारी प्रयास एवं पारदर्शिता

केंद्र सरकार पीएम-किसान योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने और इसमें पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। DBT के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में पैसा भेजने से बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है और भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने योजना के तहत अपात्र लाभार्थियों की पहचान करने और उन्हें सूची से हटाने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। नियमित रूप से डेटा का सत्यापन और अद्यतन किया जा रहा है ताकि केवल वास्तविक और जरूरतमंद किसानों को ही इसका लाभ मिले। इस प्रक्रिया से योजना की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता बढ़ी है।
4. किसानों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
पीएम-किसान योजना को आम तौर पर किसानों और कृषि विशेषज्ञों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। किसानों का कहना है कि यह राशि उन्हें बीज, खाद और अन्य कृषि आदान खरीदने में मदद करती है। खासकर बुवाई के मौसम से पहले जब उन्हें नकदी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इससे छोटे और सीमांत किसानों पर आर्थिक दबाव कुछ कम हुआ है।
कृषि विशेषज्ञ इस योजना को ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने और कृषि संकट को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का यह भी सुझाव है कि समय के साथ किस्त की राशि में मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए वृद्धि की जानी चाहिए। भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को भी ऐसी किसी योजना के दायरे में लाने पर विचार किया जाना चाहिए।
5. संभावित असर और निष्कर्ष: कृषि कल्याण की दिशा में एक कदम
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त जारी होने से देश के करोड़ों किसान परिवारों को तात्कालिक आर्थिक राहत मिलेगी। यह राशि विशेष रूप से खरीफ फसलों की तैयारी में जुटे किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी, जिससे वे समय पर कृषि आदानों की व्यवस्था कर सकेंगे। इससे न केवल कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता मांग में भी वृद्धि हो सकती है।
निष्कर्षतः, पीएम-किसान योजना भारतीय कृषि क्षेत्र और किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता कार्यक्रम के रूप में उभरी है। सरकार द्वारा निरंतर सुधार और पारदर्शिता के प्रयास इसे और अधिक प्रभावी बना रहे हैं। आगामी किस्त इस प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगी, जिससे किसानों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।