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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अरबपति कारोबारी एलन मस्क के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक तौर पर खत्म करने का ऐलान कर दिया है। ट्रंप का यह बयान मस्क की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी, xAI, द्वारा 6 अरब डॉलर की भारी-भरकम फंडिंग जुटाने के बाद आया है।
ट्रंप ने बेहद तल्ख लहजे में कहा कि मस्क ने उन लोगों से पैसा लिया है जो डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक हैं, और इसी के साथ उनके और मस्क के बीच का रिश्ता अब खत्म हो गया है। इस घटनाक्रम ने अमेरिकी राजनीति और टेक जगत में एक नई बहस छेड़ दी है।
क्यों भड़के डोनाल्ड ट्रंप?
डोनाल्ड ट्रंप की नाराज़गी की सबसे बड़ी वजह xAI की फंडिंग में शामिल कुछ निवेशक हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मस्क को फंड देने वाली कुछ वेंचर कैपिटल फर्मों के पार्टनर डेमोक्रेटिक पार्टी और राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रमुख दानदाता रहे हैं।
ट्रंप ने इसे एक तरह से धोखा माना है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, “मस्क को सावधान रहना होगा, क्योंकि वह शैतान के लोगों के साथ सौदा कर रहे हैं।” उन्होंने आगे स्पष्ट किया, “हमारा रिश्ता अब खत्म हो गया है।” यह बयान उस वक्त आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव नज़दीक आ रहे हैं।
फंडिंग का पूरा मामला

एलन मस्क की कंपनी xAI ने हाल ही में सीरीज़ बी फंडिंग राउंड में 6 अरब डॉलर (लगभग 50,000 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस निवेश के साथ कंपनी की वैल्यूएशन 24 अरब डॉलर तक पहुंच गई है।
इस फंडिंग में Valor Equity Partners, Andreessen Horowitz, और Sequoia Capital जैसी बड़ी कंपनियों ने हिस्सा लिया। ट्रंप खेमे का आरोप है कि इन फर्मों से जुड़े कई बड़े नाम लंबे समय से डेमोक्रेट्स को आर्थिक मदद देते आए हैं, जो ट्रंप के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं।
पहले दोस्ती, अब दुश्मनी?
यह विवाद इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि कुछ समय पहले तक ट्रंप और मस्क के बीच नज़दीकियां बढ़ने की खबरें आ रही थीं। दोनों को कई मौकों पर एक-दूसरे की तारीफ करते देखा गया था।
हालांकि, यह दोस्ती अब दुश्मनी में बदलती दिख रही है। पहले ऐसी अटकलें थीं कि अगर ट्रंप 2024 का चुनाव जीतते हैं, तो वह एलन मस्क को अपनी सरकार में एक महत्वपूर्ण सलाहकार की भूमिका दे सकते हैं। मगर, इस नए घटनाक्रम ने उन सभी संभावनाओं पर पानी फेर दिया है।
मस्क का क्या है रुख?

इसी बीच, एलन मस्क ने अपनी स्थिति पहले ही साफ कर दी थी। उन्होंने कहा था कि वह इस चुनावी चक्र में किसी भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को व्यक्तिगत रूप से चंदा नहीं देंगे।
मगर, मस्क ने यह भी कहा है कि वह अपनी आवाज़ और प्रभाव का इस्तेमाल राष्ट्रपति जो बाइडेन को हराने के लिए करेंगे। उनका मानना है कि बाइडेन की नीतियां देश के लिए सही नहीं हैं। अब ट्रंप के बयान के बाद मस्क की रणनीति पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
इस विवाद के क्या हैं मायने?
ट्रंप और मस्क का यह टकराव सिर्फ दो शक्तिशाली व्यक्तियों के बीच की लड़ाई नहीं है। इसके गहरे राजनीतिक और कारोबारी मायने हैं। ट्रंप ने स्पष्ट संदेश दिया है कि जो कोई भी उनके राजनीतिक विरोधियों के साथ खड़ा होगा, वह उसे अपने खेमे में नहीं गिनेंगे।
यह घटनाक्रम सिलिकॉन वैली और वॉशिंगटन के बीच के जटिल संबंधों को भी उजागर करता है। एक तरफ जहां टेक कंपनियां अपने विस्तार के लिए सभी से फंड जुटाना चाहती हैं। वहीं दूसरी तरफ राजनीति में पक्ष लेने का दबाव भी बढ़ता जा रहा है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि यह विवाद अमेरिकी राजनीति पर क्या असर डालता है।