Tuesday, June 17, 2025
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    मोटापा बच्चों का :

    ताज़ा अपडेट: बच्चों का बढ़ता मोटापा

    बच्चों का बढ़ता मोटापा आज के दौर की एक खामोश महामारी बन चुका है। जो सिर्फ उनके शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहा है। डॉक्टर अब सख्त डाइटिंग की जगह एक संतुलित और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दे रहे हैं। हाल ही में हुए एक विश्लेषण में उन 6 सबसे प्रभावी कदमों और 1 सबसे बड़ी गलती को रेखांकित किया गया है। जो बच्चों के मोटापा को लेकर माता-पिता की राह आसान कर सकते हैं।

    बच्चों का मोटापा: डांट नहीं, साथ की है जरूरत; समझें विज्ञान और मनोविज्ञान

    मोटापा

    नई दिल्ली: अगर आपके बच्चे का मोटापा आदर्श सीमा से अधिक है। तो यह किसी भी माता-पिता के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है। बदलती जीवनशैली, खानपान की आदतें और घटती शारीरिक गतिविधियाँ इस समस्या को और बढ़ा रही हैं। हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि इस मुद्दे को गलत तरीके से संभालने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।

    यह लेख आपको डांट-फटकार और सख्त पाबंदियों के चक्र से बाहर निकालकर एक वैज्ञानिक और प्रेमपूर्ण समाधान का रास्ता दिखाएगा। आइए जानते हैं वे 6 कदम जो आपको उठाने चाहिए और वह 1 गलती जिससे आपको हर हाल में बचना है।

    क्या करें? माता-पिता को विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए 6 प्रभावी कदम

    1. सबसे पहले डॉक्टर से मिलें

    इससे पहले कि आप खुद कोई निष्कर्ष निकालें या इंटरनेट पर समाधान खोजें, सबसे पहला और जरूरी कदम है। किसी विश्वसनीय बाल रोग विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लेना। डॉक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि वजन बढ़ने के पीछे कोई हार्मोनल असंतुलन या अन्य चिकित्सीय कारण तो नहीं है।

    वे बच्चे की उम्र, लंबाई और विकास दर के आधार पर सही आकलन करेंगे। साथ ही, वे आपको व्यक्तिगत सलाह दे सकते हैं जो आपके परिवार के लिए सबसे उपयुक्त हो।

    2. लक्ष्य ‘बच्चा’ नहीं, ‘पूरा परिवार’ हो

    यह सबसे महत्वपूर्ण बदलाव है जो आपको अपनी सोच में लाना है। सिर्फ बच्चे के लिए अलग से ‘हेल्दी खाना’ बनाना या उसे पार्क में दौड़ाना उसे अकेला और दंडित महसूस करा सकता है।

    इसके बजाय, स्वस्थ जीवनशैली को पूरे परिवार का मिशन बनाएं। जब सब मिलकर सलाद खाते हैं, साथ में टहलने जाते हैं। और प्रोसेस्ड फूड से बचते हैं, तो यह बच्चे के लिए एक नियम नहीं, बल्कि एक सामान्य पारिवारिक आदत बन जाती है। यह “हम सब इसमें एक साथ हैं” की भावना पैदा करता है।

    माता-पिता के साथ भोजन करने की आदत डालें

    आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, परिवार का एक साथ बैठकर खाना कम होता जा रहा है। लेकिन शोध बताते हैं कि जो बच्चे परिवार के साथ खाते हैं। वे अधिक पौष्टिक भोजन करते हैं और उनका वजन नियंत्रित रहता है।

    जब आप साथ खाते हैं, तो आप अपने बच्चे के लिए एक रोल मॉडल बनते हैं। वह आपको देखकर सीखता है कि कितना खाना है और क्या खाना है। इसके अलावा, यह टीवी या मोबाइल के सामने बैठकर बिना सोचे-समझे खाने (Mindless Eating) की आदत को भी रोकता है।

    नींद को प्राथमिकता दें

    अक्सर हम वजन को सिर्फ भोजन और व्यायाम से जोड़कर देखते हैं और नींद के महत्व को नजरअंदाज कर देते हैं। विज्ञान के अनुसार, अपर्याप्त नींद भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन (घ्रेलिन और लेप्टिन) को असंतुलित कर सकती है।

    जब बच्चा पर्याप्त नींद नहीं लेता, तो उसे जंक फूड और मीठी चीजों को खाने की तलब (Craving) बढ़ जाती है। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा अपनी उम्र के हिसाब से पूरी और गहरी नींद ले।

    5. स्क्रीन टाइम का सही प्रबंधन करें

    मोबाइल, टैबलेट और टीवी पर बिताया गया अतिरिक्त समय सीधे तौर पर शारीरिक निष्क्रियता से जुड़ा है। बच्चे घंटों तक एक ही जगह बैठे रहते हैं, जिससे कैलोरी बर्न नहीं होती।

    इसके अलावा, स्क्रीन के सामने बैठकर स्नैक्स खाने की आदत भी वजन बढ़ाती है। अपने बच्चे के लिए स्क्रीन टाइम की एक स्वस्थ सीमा तय करें और उसे बाहर खेलने या अन्य रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें।

    6. व्यायाम को ‘सजा’ नहीं, ‘खेल’ बनाएं

    बच्चे को जबरदस्ती व्यायाम करने के लिए कहना उल्टा पड़ सकता है। वह इसे एक सजा के रूप में देख सकता है और इससे बचने की कोशिश करेगा।

    इसके बजाय, शारीरिक गतिविधि को मजेदार बनाएं। परिवार के साथ साइकिल चलाना, पार्क में फुटबॉल खेलना, डांस करना या ट्रेकिंग पर जाना – ऐसे विकल्प चुनें जो पूरे परिवार के लिए एक मनोरंजक गतिविधि हों। जब गतिविधि में मजा आता है, तो वह एक आदत बन जाती है।

    क्या न करें? यह एक गलती बच्चे का भविष्य बिगाड़ सकती है

    भूलकर भी बच्चे के वजन या शरीर पर टिप्पणी न करें
    यह इस पूरी गाइड का सबसे महत्वपूर्ण नियम है। अपने बच्चे को कभी भी “मोटा”, “गोल-मटोल” न कहें या उसके शरीर के आकार का मजाक न बनाएं। उसके खाने की आदतों की दूसरों के सामने आलोचना न करें।

    ऐसा करने से बच्चे में आत्म-सम्मान की कमी, चिंता, डिप्रेशन और ईटिंग डिसऑर्डर (खाने संबंधी मानसिक विकार) जैसी गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आपका लक्ष्य बच्चे को स्वस्थ बनाना है, उसे शर्मिंदा करना नहीं। आपका प्यार और समर्थन उसकी सबसे बड़ी ताकत है। वजन पर नहीं, स्वास्थ्य और अच्छी आदतों पर ध्यान केंद्रित करें।

    निष्कर्ष: सकारात्मक माहौल ही समाधान है

    बच्चों का मोटापा एक जटिल समस्या है, जिसका समाधान किसी एक फॉर्मूले में नहीं है। इसका हल एक सकारात्मक, सहायक और स्वस्थ पारिवारिक वातावरण बनाने में छिपा है।

    याद रखें, आपका लक्ष्य तराजू पर कुछ किलो कम करना नहीं, बल्कि अपने बच्चे को जीवन भर के लिए स्वस्थ आदतें और एक मजबूत आत्म-सम्मान देना है। धैर्य रखें, प्यार से काम लें और एक टीम के रूप में इस यात्रा को पूरा करें।

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