Tuesday, July 8, 2025
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    राफेल पर अफवाहों का खंडन, डसॉल्ट के शेयर रिकॉर्ड ऊंचाई पर

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    राफेल पर अफवाहों का खंडन, डसॉल्ट के शेयर रिकॉर्ड ऊंचाई पर

    पेरिस/नई दिल्ली: राफेल जेट निर्माता फ्रांसीसी कंपनी के लिए आज का दिन बड़ा रहा। डसॉल्ट एविएशन शेयर प्राइस में जबरदस्त उछाल देखा गया। यह उछाल भारत सरकार के एक कड़े बयान के बाद आया। भारत ने राफेल जेट्स से जुड़ी सभी अटकलों और अफवाहों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। इस स्पष्टीकरण के बाद निवेशकों का आत्मविश्वास तेजी से बहाल हुआ है, क्योंकि सुरक्षा और रक्षा क्षमताओं में किसी भी तरह की कमी की खबरों पर लगाम लग गई है।

    यह मामला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी फर्जी खबरों से शुरू हुआ था। इन खबरों ने बाजार में अस्थायी अनिश्चितता पैदा की थी। लेकिन वास्तव में, भारत के स्पष्टीकरण ने सारी स्थिति साफ कर दी। इसके अलावा, इसने राफेल की विश्वसनीयता पर भी मुहर लगा दी।

    क्या था राफेल जेट से जुड़ा पूरा विवाद?

    दरअसल, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर खबरें चल रही थीं। इनमें एक काल्पनिक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र किया गया था। दावा किया जा रहा था कि इस ऑपरेशन में भारत ने अपने कुछ राफेल जेट खो दिए। इस कारण, डसॉल्ट एविएशन के प्रदर्शन पर सवाल उठने लगे थे।

    इन निराधार दावों ने निवेशकों के बीच चिंता पैदा कर दी थी। हालांकि, किसी भी विश्वसनीय स्रोत ने इसकी पुष्टि नहीं की थी। यह पूरी तरह से एक दुष्प्रचार अभियान लग रहा था। अंततः, इसका उद्देश्य भारत की सैन्य क्षमता को लेकर भ्रम फैलाना था।

    भारत का कड़ा रुख और बाजार पर उसका असर

    भारत ने इन अफवाहों पर बहुत सख्ती से प्रतिक्रिया दी। भारतीय वायु सेना (IAF) ने इसे पूरी तरह से “फर्जी” बताया। उन्होंने कहा कि सभी राफेल जेट पूरी तरह सुरक्षित और opérationnel हैं। इस कारण, अफवाहों पर आधारित बाजार तुरंत शांत हो गया। नकारात्मक कयासों का असर कम होने लगा और विश्वास का माहौल धीरे-धीरे बहाल होने लगा।

    राफेल

    इसके अलावा, भारत सरकार ने भी इन दावों को दुष्प्रचार करार दिया। इस आधिकारिक खंडन का असर सीधे पेरिस स्टॉक एक्सचेंज पर दिखा। यदि भारत यह स्पष्टीकरण नहीं देता, तो कंपनी को और नुकसान हो सकता था। भारत की रक्षा खरीद नीतियां बहुत पारदर्शी हैं। (यह एक इंटरनल लिंक है)

    शेयरों में 52-हफ्ते की रिकॉर्ड तेजी

    भारत के खंडन के बाद निवेशकों ने जमकर खरीदारी की। डसॉल्ट एविएशन शेयर प्राइस 4% से अधिक बढ़ गया। यह शेयर अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इस तेजी ने दिखाया कि निवेशक राफेल कार्यक्रम पर कितना भरोसा करते हैं।

    यह घटना इस बात का एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे भू-राजनीतिक खबरें वित्तीय बाजारों को प्रभावित करती हैं। डसॉल्ट एविएशन फ्रांस की एक प्रमुख एयरोस्पेस कंपनी है। (यह एक आउटबाउंड लिंक है) कंपनी के लिए भारत एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण बाजार है।

    निवेशकों को मिला भरोसा, राफेल की साख बढ़ी

    इस पूरे प्रकरण से डसॉल्ट एविएशन की साख को मजबूती मिली है। भारत के भरोसे ने यह साबित कर दिया कि राफेल जेट अपनी क्षमताओं पर खरा उतर रहा है। यह न केवल एक विमान की बिक्री है, बल्कि दो देशों के बीच एक रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक भी है।

    विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना के बाद कंपनी के शेयरों में स्थिरता बनी रह सकती है। अंततः, यह मामला दिखाता है कि फेक न्यूज का मुकाबला करने के लिए आधिकारिक और त्वरित संचार कितना महत्वपूर्ण है।

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