फौजा सिंह के निधन की अफवाह: जानें ‘टर्बन्ड टॉरनेडो’ का सच
सोशल मीडिया पर फौजा सिंह के निधन की अफवाह तेजी से फैली। उन्हें दुनिया का सबसे बुजुर्ग मैराथनर माना जाता है। लेकिन वास्तव में, यह खबर पूरी तरह गलत और निराधार है। फौजा सिंह 113 साल के हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं।
उनके कोच हरमंदर सिंह ने इस खबर का खंडन किया है। उन्होंने बताया कि फौजा सिंह लंदन में अपने घर पर हैं। इस कारण, उनके प्रशंसकों ने राहत की सांस ली है। यह घटना सोशल मीडिया पर झूठी खबरों के खतरे को दिखाती है।
कौन हैं फौजा सिंह: ‘टर्बन्ड टॉरनेडो’ की कहानी
फौजा सिंह को ‘टर्बन्ड टॉरनेडो’ के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 1 अप्रैल 1911 को पंजाब में हुआ था। वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने उम्र को सिर्फ एक नंबर साबित किया है। उन्होंने अपनी जिंदगी में कई रिकॉर्ड बनाए हैं।
हालांकि, उनका दौड़ने का सफर 89 साल की उम्र में शुरू हुआ। यह उम्र ज्यादातर लोगों के लिए रिटायरमेंट की होती है। लेकिन फौजा सिंह ने अपनी पत्नी और बेटे की मृत्यु के बाद दौड़ना शुरू किया था। दौड़ना उनके लिए दुख से उबरने का एक जरिया बन गया।
मैराथन के बेताज बादशाह
फौजा सिंह ने 89 साल की उम्र में अपनी पहली मैराथन पूरी की। यह लंदन मैराथन थी, जो दुनिया की सबसे कठिन दौड़ों में से एक है। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मैराथन में हिस्सा लिया।
इसके अलावा, साल 2011 में उन्होंने एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 100 साल की उम्र में टोरंटो वाटरफ्रंट मैराथन पूरी की। इस उपलब्धि ने उन्हें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह दिलाई। वह ऐसा करने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति बने।
प्रेरणा का एक जीवंत प्रतीक
फौजा सिंह सिर्फ एक एथलीट नहीं हैं, बल्कि वह प्रेरणा के स्रोत हैं। 2012 में लंदन ओलंपिक के दौरान उन्हें मशाल वाहक बनने का सम्मान मिला। यह उनके असाधारण जीवन और दृढ़ संकल्प को एक सलाम था। आप ओलंपिक खेलों के इतिहास के बारे में यहां पढ़ सकते हैं। (यह एक आउटबाउंड लिंक है)।
उन्होंने एडिडास जैसे बड़े ब्रांड के लिए मॉडलिंग भी की। ब्रिटेन में शुरुआती दिनों में उन्हें नस्लवाद का सामना करना पड़ा। लेकिन वास्तव में, उन्होंने अपनी पगड़ी को अपनी पहचान और गर्व का प्रतीक बनाया।
लंबी उम्र और सेहत का राज
कई लोग उनकी लंबी उम्र का राज जानना चाहते हैं। फौजा सिंह एक बहुत ही सादा और अनुशासित जीवन जीते हैं। उनके आहार में साधारण खाना शामिल है। उदाहरण के लिए, वह रोटी, दाल, हरी सब्जियां और दही पसंद करते हैं।
वह किसी भी तरह के तले हुए भोजन से दूर रहते हैं। इसके अलावा, वह हमेशा सकारात्मक और खुश रहते हैं। उनका मानना है कि तनाव मुक्त जीवन लंबी उम्र की कुंजी है। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि झूठी खबरों से कैसे बचें, तो हमारा यह लेख पढ़ें। (यह एक इंटरनल लिंक है)।
अंततः, फौजा सिंह के निधन की झूठी खबर एक चेतावनी है। हमें किसी भी जानकारी पर भरोसा करने से पहले उसकी पुष्टि करनी चाहिए। फौजा सिंह आज भी दुनिया भर के लोगों के लिए एक जीवंत प्रेरणा हैं।