म्यूनिख में खेले गए एक रोमांचक मुकाबले में जर्मनी ने फ्रांस को 2-1 से हराकर एक कीमती जीत दर्ज की। UEFA नेशंस लीग के इस हाई-प्रोफाइल मैच में जर्मनी ने पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए जीत अपने नाम की। इस परिणाम ने ग्रुप में समीकरणों को और भी दिलचस्प बना दिया है।
जर्मनी की ओर से सर्ज ग्नाब्री (Serge Gnabry) और जमाल मुसियाला (Jamal Musiala) ने गोल दागे। वहीं, फ्रांस के लिए एकमात्र गोल उनके स्टार स्ट्राइकर किलियन एम्बाप्पे (Kylian Mbappé) ने किया। यह मैच अंत तक तनाव और रोमांच से भरपूर रहा।
एम्बाप्पे ने दिलाई फ्रांस को शुरुआती बढ़त
मैच की शुरुआत उम्मीद के मुताबिक ही तेज गति से हुई। दोनों टीमों ने एक-दूसरे पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन पहला सफल प्रहार फ्रांस की ओर से हुआ। खेल के 34वें मिनट में किलियन एम्बाप्पे ने अपनी रफ्तार का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए जर्मनी के डिफेंस को भेदा और एक शानदार गोल कर फ्रांस को 1-0 की बढ़त दिला दी।
पहले हाफ के अंत तक फ्रांस ने इस बढ़त को बनाए रखा। ऐसा लग रहा था कि दिदिएर डेसचैम्प्स की टीम मैच पर अपनी पकड़ मजबूत कर लेगी। हालांकि, जर्मन टीम ने हार नहीं मानी।
दूसरे हाफ में जर्मनी की दमदार वापसी
दूसरे हाफ में जर्मनी एक नई रणनीति और ऊर्जा के साथ मैदान पर उतरी। टीम ने लगातार आक्रमण किए जिसका नतीजा उन्हें जल्द ही मिला। खेल के 58वें मिनट में सर्ज ग्नाब्री ने एक बेहतरीन टीम मूव को फिनिश करते हुए गोल किया और स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया।
इस बराबरी के गोल के बाद मैच का रोमांच चरम पर पहुंच गया। दोनों ही टीमें विजयी गोल की तलाश में जुट गईं। फ्रांस ने कुछ अच्छे मौके बनाए, मगर जर्मन गोलकीपर मैन्युअल नॉयर ने उन्हें विफल कर दिया।
मुसियाला ने दागा निर्णायक गोल
मैच जब ड्रॉ की ओर बढ़ता दिख रहा था, तभी जर्मनी के युवा सितारे जमाल मुसियाला ने अपनी चमक बिखेरी। खेल के 82वें मिनट में उन्होंने बॉक्स के बाहर से एक शक्तिशाली शॉट लगाया जो सीधे फ्रांस के गोल पोस्ट में जा समाया। इस गोल ने स्टेडियम में मौजूद जर्मन प्रशंसकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
यह गोल अंत में निर्णायक साबित हुआ और जर्मनी ने 2-1 से मुकाबला अपने नाम कर लिया। यह जीत जर्मनी के लिए सिर्फ तीन अंक नहीं, बल्कि आत्मविश्वास बढ़ाने वाली एक बड़ी उपलब्धि है।
मैच का विश्लेषण और आगे की राह
इस जीत ने जर्मनी को नेशंस लीग के अपने ग्रुप में मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है। टीम का पिछड़ने के बाद वापसी करना कोच जूलियन नगेल्समन के लिए एक सकारात्मक संकेत है। खासकर, मुसियाला और ग्नाब्री का फॉर्म में होना टीम के लिए अच्छी खबर है।
वहीं दूसरी ओर, फ्रांस को इस हार से सबक लेना होगा। बढ़त बनाने के बाद उसे गंवा देना टीम की एकाग्रता पर सवाल खड़े करता है। हालांकि, फ्रांस जैसी मजबूत टीम के लिए वापसी करना मुश्किल नहीं होगा, लेकिन यह हार उनके लिए एक चेतावनी की तरह है। अब दोनों टीमों की नजरें अपने अगले मुकाबलों पर टिकी होंगी।