Tuesday, July 29, 2025
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    ग्रोक-4 का ‘मस्क मोड’: अब एलन मस्क से पूछकर देगा जवाब

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    ग्रोक-4 का ‘मस्क मोड’: अब एलन मस्क से पूछकर देगा जवाब

    एलन मस्क की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी xAI ने एक बड़ा ऐलान किया है। उनके नए AI मॉडल ग्रोक-4 में एक खास फीचर होगा। इसे ग्रोक-4 मस्क मोड नाम दिया गया है। यह मोड विवादास्पद सवालों के जवाब सीधे नहीं देगा। बल्कि, यह पहले एलन मस्क की सोच से इसकी जांच करेगा।

    यह टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक अनोखा और साहसिक कदम है। इस कारण, AI के काम करने का तरीका पूरी तरह बदल सकता है। मस्क का लक्ष्य एक ऐसा AI बनाना है जो मौजूदा मॉडलों से अलग हो। लेकिन वास्तव में, यह AI की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

    ‘मस्क मोड’ कैसे काम करेगा?

    यह मोड एक खास तकनीक पर आधारित है। जब कोई उपयोगकर्ता संवेदनशील सवाल पूछता है, तो ग्रोक-4 रुक जाता है। उदाहरण के लिए, यह सवाल राजनीति, सामाजिक न्याय या अभिव्यक्ति की आजादी पर हो सकता है। AI तब एलन मस्क के विचारों के एक डिजिटल संस्करण से सलाह लेता है।

    ग्रोक-4

    यह डिजिटल संस्करण मस्क के सार्वजनिक बयानों और पोस्ट पर आधारित है। इसे क्रिप्टोग्राफिक रूप से वेरिफाई किया जाता है। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करता है कि जवाब मस्क के नजरिए से मेल खाता हो। अंततः, AI का जवाब एलन मस्क की विचारधारा को दर्शाता है।

    क्या यह AI का भविष्य है?

    यह नया फीचर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में एक बड़ी बहस छेड़ सकता है। कुछ लोग इसे पारदर्शिता का एक नया रूप मानते हैं। हालांकि, दूसरे इसे एक व्यक्ति की सोच को मशीन पर थोपने जैसा कह रहे हैं। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो अन्य कंपनियां भी ऐसे AI बना सकती हैं।

    अन्य AI मॉडलों से कैसे अलग है ग्रोक?

    वर्तमान में गूगल का जेमिनी और ओपनएआई का चैटजीपीटी निष्पक्ष रहने की कोशिश करते हैं। वे अक्सर विवादास्पद सवालों पर संतुलित जवाब देते हैं। वे किसी एक पक्ष का समर्थन करने से बचते हैं। इस कारण, उनके जवाब कभी-कभी बहुत सामान्य लगते हैं।

    इसके विपरीत, ग्रोक का ‘मस्क मोड’ एक खास नजरिया अपनाएगा। यह उसे दूसरे सभी AI से बिल्कुल अलग बनाता है। यह एक ऐसा AI होगा जिसकी अपनी एक परिभाषित ‘पर्सनैलिटी’ होगी। यह पर्सनैलिटी सीधे एलन मस्क से प्रभावित होगी।

    विशेषज्ञों और बाजार की प्रतिक्रिया

    इस घोषणा के बाद तकनीक विशेषज्ञों में बहस छिड़ गई है। कुछ का मानना है कि यह AI में पूर्वाग्रह को संस्थागत बना देगा। यह एक व्यक्ति की सोच को लाखों उपयोगकर्ताओं पर थोपने जैसा है। वहीं, मस्क के समर्थक इसे एक साहसिक और जरूरी कदम बता रहे हैं।

    इनका कहना है कि यह इतनी-कही गई “वोक” कृत्रिम बुद्धिमत्ता के खिलाफ एक संतुलन का काम करेगा। अब यह मुद्दा केवल तकनीकी नहीं, बल्कि वैचारिक भी बन चुका है।इस बारे में अधिक जानकारी आप लाइवमिंट की मूल रिपोर्ट में पढ़ सकते हैं।

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