बिहार में व्यवसायी की हत्या: 6 साल बाद बेटे की तरह पिता का भी कत्ल
यह हत्याकांड पटना के पॉश इलाके में हुआ। गोपाल खेमका सुबह की सैर पर निकले थे। तभी बाइक पर सवार अपराधियों ने उन्हें निशाना बनाया। अंततः, उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस घटना ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। इसके अलावा, हत्या का तरीका और समय कई पुरानी यादों को ताजा कर रहा है।
दिनदहाड़े वारदात और खौफ का माहौल
अपराधी बेखौफ़ थे और सुबह के समय इस घटना को अंजाम दे दिया। यह क्षेत्र सदा व्यस्त रहता है, फिर भी उन्हें किसी से कोई खौफ़ नहीं था। उन्होंने गोपाल खेमका पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। इस कारण, आसपास के लोगों में दहशत फैल गई। मौके पर तुरंत पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे।
स्थानीय लोगों के अनुसार, गोलियों की आवाज सुनकर वे बाहर निकले। उन्होंने देखा कि खेमका खून से लथपथ जमीन पर पड़े थे। हालांकि, हमलावर तेजी से फरार हो चुके थे। पुलिस ने पूरे इलाके की नाकेबंदी कर दी है। अपराधियों की तलाश के लिए छापेमारी शुरू हो गई है। यह घटना शहर की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है।
6 साल पुरानी यादें: गुंजन खेमका हत्याकांड से समानता
इस हत्याकांड ने 2018 के एक और बड़े अपराध की याद दिला दी है। छह साल पहले गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की भी हत्या हुई थी। गुंजन भी एक प्रमुख उद्योगपति थे। उनकी हत्या भी बाइक सवार अपराधियों ने ही की थी। इसलिए, दोनों हत्याओं के बीच की समानताएं चौंकाने वाली हैं।
गुंजन खेमका की हत्या हाजीपुर में एक फैक्ट्री के पास हुई थी। उस मामले ने भी बिहार में काफी तूल पकड़ा था। तब भी कानून-व्यवस्था पर बड़े सवाल उठे थे। अब पिता की हत्या ने उन जख्मों को फिर से हरा कर दिया है। इसके अलावा, पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि क्या दोनों हत्याओं के पीछे एक ही गिरोह का हाथ है। आप गुंजन खेमका हत्याकांड के बारे में और जान सकते हैं। (यह एक आंतरिक लिंक है)
क्या दोनों हत्याओं के तार आपस में जुड़े हैं?
पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है। क्या यह सिर्फ एक भयानक संयोग है? या फिर इसके पीछे कोई गहरी साजिश है। यदि तो, दोनों मामलों के तार जुड़े हुए हैं, तो यह एक बड़ी चुनौती होगी। पुलिस पुरानी फाइलों को फिर से खंगाल रही है।
जांच एजेंसियां व्यापारिक रंजिश के एंगल को भी देख रही हैं। खेमका परिवार का बड़ा औद्योगिक साम्राज्य है। अंततः, जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। लेकिन इस घटना ने परिवार को पूरी तरह से तोड़ दिया है।
पुलिस की शुरुआती जांच और SIT का गठन
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिदेशक ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया गया है। यह टीम पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी। उदाहरण के लिए, टीम घटनास्थल के आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
पुलिस खेमका परिवार के करीबियों और व्यापारिक सहयोगियों से भी पूछताछ कर रही है। उनका मकसद हत्या के पीछे के कारण का पता लगाना है। हालांकि, अभी तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। जांच की प्रगति पर अधिक जानकारी के लिए आप बिहार पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं। (यह एक आउटबाउंड लिंक है)
कारोबारी जगत में गुस्सा और डर
गोपाल खेमका की हत्या से बिहार के कारोबारी जगत में भारी रोष है। चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने सरकार से व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। इस कारण, राज्य में निवेश के माहौल पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
एक के बाद एक ऐसी घटनाओं से उद्यमियों का मनोबल टूटता है। लेकिन वास्तव में, यह सिर्फ एक कारोबारी की हत्या नहीं है। बल्कि यह राज्य की छवि पर भी एक बड़ा धब्बा है। सरकार और पुलिस प्रशासन पर अब अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने का भारी दबाव है।