श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयंती: सीएम योगी ने किया नमन
श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें नमन किया। उन्होंने लखनऊ में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। यह कार्यक्रम सिविल अस्पताल परिसर में आयोजित हुआ था। इसलिए, सीएम योगी ने उनके योगदान को राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण बताया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर डॉ. मुखर्जी के विचारों को याद किया। उन्होंने कहा कि मुखर्जी ने देश की एकता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी। यही संगठन आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी बना।
राष्ट्रवाद के प्रखर विचारक थे मुखर्जी
सीएम योगी ने मुखर्जी को एक महान शिक्षाविद् बताया। वे राष्ट्रवाद के एक प्रखर स्तंभ भी थे। वास्तव में, उन्होंने हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति का पुरजोर विरोध किया। उनका मानना था कि एक देश में दो विधान और दो प्रधान नहीं हो सकते।
इसी कारण, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 का कड़ा विरोध किया। उन्होंने इसके खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ा था। अंततः, इसी संघर्ष के दौरान कश्मीर में रहस्यमयी परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई। उनका बलिदान आज भी प्रेरणा देता है।
सीएम योगी ने कहा, “डॉ. मुखर्जी का ‘एक निशान, एक विधान, एक प्रधान’ का नारा आज साकार हुआ है। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया।”
प्रेरणास्रोत के रूप में किया याद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डॉ. मुखर्जी का जीवन प्रेरणा देता है। उनकी नीतियां आज भी सरकार का मार्गदर्शन करती हैं। उदाहरण के लिए, कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटना उनके सपनों को साकार करने जैसा है। यह देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था।
उन्होंने युवाओं से डॉ. मुखर्जी के जीवन से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता सर्वोपरि है। यदि हम एकजुट रहेंगे, तो कोई भी ताकत देश को कमजोर नहीं कर सकती।
कार्यक्रम में कई बड़े नेता रहे मौजूद
इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ कई अन्य मंत्री भी मौजूद थे। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। इसके अलावा, पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता भी वहां उपस्थित थे। सभी ने डॉ. मुखर्जी के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
डॉ. मुखर्जी के जीवन और उनके संघर्षों के बारे में अधिक जानने के लिए आप विश्वसनीय स्रोतों पर जा सकते हैं। यह जयंती हमें उनके त्याग और समर्पण की याद दिलाती है।