भारत बनाम इंग्लैंड पहला टेस्ट: सीरीज का आगाज भारत के लिए बेहद निराशाजनक रहा। हेडिंग्ले के मैदान पर पहले ही दिन भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा, कप्तान का पहले बल्लेबाजी का फैसला भी गलत साबित हुआ। पूरी भारत टीम पहले दिन 200 रनों का आंकड़ा भी नहीं छू सकी। यह इंडिया-इंग्लैंड मुकाबले में भारत की कमजोर शुरुआत है।
इस दौरे की शुरुआत से पहले भारत टीम से काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, पहले दिन का खेल पूरी तरह से मेजबान इंग्लैंड के नाम रहा। भारतीय बल्लेबाजों के पास इंग्लिश स्विंग गेंदबाजी के सामने कोई प्रभावी रणनीति नहीं थी, जिसके चलते टीम मजबूत स्कोर तक पहुंचने में असफल रही। अब भारतीय गेंदबाजों को ही मैच में वापसी का दारोमदार संभालना पड़ रहा है।
टॉस जीतकर बल्लेबाजी, फैसला पड़ा उल्टा
भारतीय कप्तान ने सुबह टॉस जीता। उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। लेकिन वास्तव में, हेडिंग्ले की हरी पिच पर यह फैसला टीम पर भारी पड़ गया। सुबह के सत्र में हवा में नमी थी। इसलिए, इंग्लिश गेंदबाजों को पिच से काफी मदद मिली। उन्होंने सही लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी की।
उदाहरण के लिए, जेम्स एंडरसन और ओली रॉबिन्सन ने नई गेंद से कहर बरपाया। उन्होंने भारतीय शीर्ष क्रम को जल्दी पवेलियन भेज दिया। यदि पिच थोड़ी सपाट होती, तो शायद नतीजा कुछ और होता।
भारत के शीर्ष क्रम की विफलता बनी बड़ा कारण
भारत की इस हालत का मुख्य कारण शीर्ष क्रम की विफलता थी। रोहित शर्मा और शुभमन गिल की सलामी जोड़ी टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे सकी। दोनों बल्लेबाज स्विंग गेंदों के सामने संघर्ष करते हुए नजर आए। इसके अलावा, चेतेश्वर पुजारा भी कम रन बनाकर आउट हो गए, जिससे मध्यक्रम पर दबाव काफी बढ़ गया।
कोहली और पंत की संक्षिप्त साझेदारी
शुरुआती झटकों के बाद विराट कोहली और ऋषभ पंत ने पारी संभालने की कोशिश की। दोनों ने एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई। हालांकि, यह साझेदारी ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी। लंच के बाद इंग्लैंड के गेंदबाजों ने फिर वापसी की। अंततः, दोनों बल्लेबाज खराब शॉट खेलकर आउट हो गए।
इंग्लिश गेंदबाजों का अनुशासित प्रदर्शन
इस शानदार प्रदर्शन का श्रेय पूरी तरह से इंग्लैंड के गेंदबाजों को जाता है। उन्होंने पूरे दिन अनुशासन के साथ गेंदबाजी की। उन्होंने भारत के बल्लेबाजों को गलती करने पर मजबूर किया। इस कारण, भारत को नियमित अंतराल पर विकेट गंवाने पड़े। यह सीरीज विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के नए चक्र का हिस्सा है। इसलिए हर मैच महत्वपूर्ण है।
इंग्लैंड ने कोई अतिरिक्त रन नहीं दिए। उन्होंने अपनी फील्डिंग भी काफी चुस्त रखी। यह एक टीम के तौर पर उनका बेहतरीन प्रयास था। अब उनके बल्लेबाजों के पास बड़ी बढ़त बनाने का सुनहरा मौका है।
दिन का खेल खत्म, इंग्लैंड मजबूत
भारतीय टीम के जल्दी पवेलियन लौटने के बाद इंग्लैंड को दिन के अंतिम सत्र में बल्लेबाजी करने का मौका मिला। उनके सलामी बल्लेबाजों ने सावधानीपूर्वक शुरुआत की और दिन का खेल समाप्त होने तक कोई विकेट नहीं गंवाया। अंततः, पहले दिन का खेल पूरी तरह से इंग्लैंड के पक्ष में रहा।
अब दूसरे दिन का खेल काफी अहम होगा। भारतीय गेंदबाजों को चमत्कारिक प्रदर्शन करना होगा। यदि वे इंग्लैंड को जल्दी आउट नहीं कर पाते हैं, तो यह मैच भारत की पकड़ से पूरी तरह बाहर हो जाएगा। पूरी भारतीय टीम पर अब वापसी का दबाव है।