पुणे ब्रिज हादसा: सतारा हाईवे पर गिरा निर्माणाधीन पुल, बचाव कार्य जारी
पुणे: महाराष्ट्र के पुणे के पास एक बड़ा हादसा हुआ है। पुणे-सतारा हाईवे पर एक निर्माणाधीन पुल का हिस्सा अचानक ढह गया। इस घटना में कई मजदूरों के मलबे में दबे होने की आशंका है। इसके अलावा, कुछ लोगों के हताहत होने की भी खबर है। प्रशासन ने तत्काल बचाव अभियान शुरू कर दिया है। यह पुणे ब्रिज हादसा एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
हादसा शुक्रवार दोपहर के करीब हुआ। उस समय पुल पर निर्माण कार्य चल रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक एक तेज आवाज आई। इसके बाद पुल का एक बड़ा स्लैब नीचे आ गिरा। इस कारण, वहां काम कर रहे मजदूर मलबे की चपेट में आ गए।
मौके पर NDRF और पुलिस, युद्धस्तर पर बचाव अभियान
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और दमकल की टीमें मौके पर पहुंचीं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) को भी बुलाया गया। हालांकि, बचाव कार्य में काफी मुश्किलें आ रही हैं।
मलबे का ढेर बहुत बड़ा है। इसे हटाने के लिए भारी मशीनरी का इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा, एम्बुलेंस और मेडिकल टीमों को भी घटनास्थल पर तैनात किया गया है। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भेजा जा रहा है। प्रशासन की पहली प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना है।
कैसे हुआ यह दर्दनाक पुणे-ब्रिज-हादसा?
यह हादसा उस वक्त हुआ जब पुल के गर्डर को क्रेन की मदद से स्थापित किया जा रहा था। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, संतुलन बिगड़ने से यह गर्डर गिर गया। इसके नीचे कई मजदूर काम कर रहे थे, जो सीधे इसकी चपेट में आ गए।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “हम पास में ही काम कर रहे थे। अचानक गर्डर गिरने की भयानक आवाज आई। हर तरफ धूल और चीख-पुकार मच गई।” इस घटना ने निर्माण कार्यों में सुरक्षा की कमी को उजागर किया है।
पुणे-ब्रिज-हादसा में प्रशासन ने दिए जांच के आदेश, उठे गंभीर सवाल
इस गंभीर हादसे के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। महाराष्ट्र सरकार ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। एक जांच समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति हादसे के कारणों का पता लगाएगी। यदि किसी भी तरह की लापरवाही सामने आती है, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
वास्तव में, यह पुणे-ब्रिज-हादसा कई गंभीर सवाल खड़े करती है।
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क्या निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान रखा गया था?
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क्या सुरक्षा मानकों का पूरी तरह पालन हो रहा था?
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क्या मजदूरों को सुरक्षित कार्य करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए गए थे?
इन सभी सवालों के जवाब जांच के बाद ही मिलेंगे। लेकिन, इस हादसे ने एक बार फिर इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में सुरक्षा की पोल खोल दी है।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी बनी वजह पुणे-ब्रिज-हादसा
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हादसों के पीछे अक्सर सुरक्षा नियमों की अनदेखी होती है। जल्दबाजी में काम पूरा करने का दबाव भी एक बड़ा कारण हो सकता है। उदाहरण के लिए, कई बार कमजोर मचान या गलत तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
इस मामले में भी पहली नजर में तकनीकी खामी या मानवीय भूल की आशंका जताई जा रही है। अंततः, जांच रिपोर्ट ही सच सामने लाएगी। सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। साथ ही, घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने का भी वादा किया है।
यातायात पर असर और वैकल्पिक मार्ग
पुल गिरने के कारण पुणे-सतारा हाईवे पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पुलिस ने ट्रैफिक को दूसरे रास्तों पर मोड़ दिया है। इससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया है। प्रशासन ने लोगों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की अपील की है।
जब तक मलबा पूरी तरह हटा नहीं लिया जाता, तब तक यह मार्ग बाधित रहेगा। इसमें कुछ घंटे और लग सकते हैं। ट्रैफिक पुलिस जाम को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रही है। इसलिए, यात्रियों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।