Tuesday, July 1, 2025
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    विश्व रक्तदाता दिवस 2025: रक्तदान के मिथक और स्वास्थ्य लाभ की सच्चाई

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    विश्व रक्तदाता दिवस 2025: एक दान जो बचाता है तीन जिंदगियां, जानें इसकी हकीकत

    नई दिल्ली: हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सुरक्षित रक्त की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही, यह दिन उन रक्तदाताओं को धन्यवाद देने का अवसर है जो निस्वार्थ भाव से रक्तदान करते हैं। हालांकि, रक्तदान को लेकर समाज में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। इस कारण, बहुत से लोग चाहकर भी इस महादान में हिस्सा नहीं ले पाते हैं।

    आज हम रक्तदान से जुड़े मिथकों की सच्चाई और इसके स्वास्थ्य लाभों का विश्लेषण करेंगे। यह समझना जरूरी है कि आपका एक यूनिट रक्त तीन लोगों की जान बचा सकता है।

    रक्तदान से जुड़े आम मिथक और उनके तथ्य

    समाज में रक्तदान को लेकर कई गलत धारणाएं हैं। इन मिथकों के कारण लोग अक्सर डर जाते हैं। लेकिन वास्तव में, विज्ञान और तथ्य कुछ और ही कहते हैं।

    रक्तदान

    1. मिथक: रक्तदान से शरीर में कमजोरी आती है।
    यह सबसे आम भ्रांति है। सच तो यह है कि दान के बाद थोड़ी देर आराम करने की सलाह दी जाती है। शरीर कुछ ही घंटों में रक्त की कमी को पूरा कर लेता है। इसके अलावा, दान के बाद दिए जाने वाले तरल पदार्थ और हल्का नाश्ता ऊर्जा स्तर को सामान्य कर देता है।

    2. मिथक: इस प्रक्रिया में बहुत दर्द होता है।
    रक्तदान की प्रक्रिया लगभग दर्द रहित होती है। इसमें केवल सुई चुभने जैसा हल्का सा एहसास होता है। यह दर्द कुछ ही सेकंड तक रहता है। इसके बाद पूरी प्रक्रिया के दौरान कोई तकलीफ नहीं होती। इसलिए, दर्द का डर पूरी तरह निराधार है।

    3. मिथक: रक्तदान करने से संक्रमण का खतरा होता है।
    यह धारणा बिल्कुल गलत है। सभी पंजीकृत ब्लड बैंकों और अस्पतालों में रक्तदान के लिए नई और स्टेरलाइज्ड (संक्रमण रहित) किट का उपयोग किया जाता है। एक बार इस्तेमाल की गई सुई को दोबारा प्रयोग में नहीं लाया जाता। इस कारण, संक्रमण का कोई खतरा नहीं होता।

    रक्तदान के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ

     

    रक्तदान केवल एक परोपकारी कार्य नहीं है, बल्कि यह दाता के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इसके कई वैज्ञानिक रूप से सिद्ध लाभ हैं।

    हृदय स्वास्थ्य में सुधार
    नियमित रक्तदान शरीर में आयरन की अतिरिक्त मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है। शरीर में आयरन का उच्च स्तर हृदय रोगों के खतरे को बढ़ा सकता है। इसलिए, रक्तदान हृदय को स्वस्थ रखने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है।

    मुफ्त स्वास्थ्य जांच का अवसर
    रक्तदान करने से पहले आपकी एक मिनी-स्वास्थ्य जांच होती है। इसमें आपके रक्तचाप, हीमोग्लोबिन स्तर, और शरीर के तापमान की जांच की जाती है। यदि कोई गंभीर समस्या होती है, तो उसका शुरुआती चरण में ही पता चल सकता है।

    कैंसर का जोखिम कम होना
    कुछ अध्ययनों के अनुसार, नियमित रक्तदान शरीर में आयरन का स्तर संतुलित रखता है। यह कुछ प्रकार के कैंसर, विशेष रूप से लिवर और फेफड़ों के कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। हालांकि, इस पर अभी और शोध जारी है।

    कौन कर सकता है यह जीवनदायी दान?

    रक्तदान करने के लिए कुछ बुनियादी मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है। यह दाता और प्राप्तकर्ता दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

    • आयु: दानकर्ता की उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

    • वजन: आपका वजन कम से कम 50 किलोग्राम होना जरूरी है।

    • हीमोग्लोबिन: पुरुषों में हीमोग्लोबिन का स्तर 13.0 g/dL और महिलाओं में 12.5 g/dL से कम नहीं होना चाहिए।

    • स्वास्थ्य: दाता को कोई गंभीर बीमारी जैसे एचआईवी, हेपेटाइटिस बी या सी नहीं होनी चाहिए।

    निष्कर्ष: आपका एक कदम, एक बड़ी मदद

    अंततः, विश्व रक्तदाता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि रक्तदान एक सुरक्षित और सरल प्रक्रिया है। यह न केवल दूसरों को जीवन देता है, बल्कि हमारे अपने स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। हमें मिथकों से ऊपर उठकर इस महादान में भाग लेना चाहिए। आपका एक छोटा सा कदम किसी के जीवन में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।

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