नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में आज सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन भारी utarchadhav देखने को मिला। दिनभर के कारोबार में बिकवाली का दबाव हावी रहा। इसके कारण दोनों प्रमुख सूचकांक, बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी, गिरावट के साथ लाल निशान में बाजार बंद हुए। वैश्विक बाजारों से मिलेजुले संकेतों और घरेलू स्तर पर मुनाफावसूली ने बाजार की धारणा को कमजोर किया। अंततः, निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाना ही बेहतर समझा।
शेयर बाजार Today: दलाल स्ट्रीट पर बिकवाली का दबाव, सेंसेक्स-निफ्टी लाल निशान में बंद
मुख्य बातें:
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घरेलू शेयर बाजार में आज भारी utarchadhav का माहौल रहा।
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बैंकिंग और मेटल शेयरों में बिकवाली ने बाजार पर दबाव बनाया।
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सेंसेक्स 450 अंक से ज्यादा टूटा, निफ्टी 150 अंक नीचे आया।
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हालांकि आईटी और फार्मा शेयरों से बाजार को कुछ सहारा मिला।
शेयर बाजार में गिरावट के पीछे के मुख्य कारण
आज की गिरावट के पीछे कई कारक जिम्मेदार थे। सबसे पहले, अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कोई ठोस सकारात्मक संकेत नहीं मिला। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इस कारण विदेशी निवेशक भी भारतीय बाजार में बड़ी खरीदारी से बच रहे हैं।
घरेलू मोर्चे पर बात करें तो ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली एक बड़ी वजह रही। पिछले कुछ सत्रों की तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफा निकालना शुरू कर दिया। उदाहरण के लिए, बैंकिंग सेक्टर, जो हाल में अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, आज सबसे ज्यादा दबाव में दिखा। यही कारण है कि बाजार अपनी शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख सका।
सेक्टरों का हाल: कहीं तेजी, कहीं मंदी
आज का कारोबारी सत्र सेक्टोरल प्रदर्शन के लिहाज से मिलाजुला था। कुछ सेक्टर्स में भारी बिकवाली हुई, तो कुछ ने बाजार को संभालने की कोशिश की।
बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों पर भारी दबाव
बैंकिंग इंडेक्स आज सबसे ज्यादा टूटने वाले सेक्टर्स में से एक था। बड़े निजी और सरकारी बैंकों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। वास्तव में, निवेशकों की मुनाफावसूली का सबसे ज्यादा असर इसी सेक्टर पर दिखा। कई प्रमुख बैंकों के शेयर 2 से 3 प्रतिशत तक टूट गए। इस वजह से बाजार पर एकतरफा दबाव बढ़ गया।
आईटी और फार्मा ने दिया सहारा
एक तरफ जहां बैंकिंग शेयर टूट रहे थे, वहीं दूसरी ओर आईटी और फार्मा शेयरों ने कुछ राहत दी। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मामूली कमजोरी से आईटी कंपनियों को फायदा मिलने की उम्मीद है। इसलिए, इंफोसिस, टीसीएस जैसे बड़े आईटी शेयरों में हल्की खरीदारी देखी गई। इसके अलावा, फार्मा सेक्टर ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और बाजार को ज्यादा गिरने से रोका।
मिडकैप और स्मॉलकैप का प्रदर्शन
आज की गिरावट का असर सिर्फ बड़े शेयरों तक सीमित नहीं था। बल्कि, मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी कमजोरी देखने को मिली। हालांकि, इनमें गिरावट मुख्य सूचकांकों के मुकाबले थोड़ी कम थी। लेकिन, बाजार की चौड़ाई नकारात्मक रही, यानी गिरने वाले शेयरों की संख्या बढ़ने वालों से ज्यादा थी।
विशेषज्ञों का विश्लेषण: आगे बाजार की चाल कैसी रहेगी?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा स्तरों पर बाजार में कुछ और अस्थिरता देखने को मिल सकती है। उनका कहना है कि निफ्टी के लिए 23,200 का स्तर एक महत्वपूर्ण सपोर्ट है। यदि बाजार इस स्तर से नीचे फिसलता है, तो गिरावट और बढ़ सकती है।
एक वरिष्ठ विश्लेषक के अनुसार, “bazzar में अभी दिशा की कमी है। वैश्विक संकेत और घरेलू नीतियां अगले कुछ दिनों तक बाजार की चाल तय करेंगी।” हालांकि, उनका यह भी मानना है कि लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह गिरावट खरीदारी का एक अच्छा अवसर हो सकती है। लेकिन, निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
निफ्टी निवेशकों को क्या करना चाहिए?
मौजूदा बाजार परिदृश्य में निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। जल्दबाजी में कोई भी बड़ा निवेश करने से बचना बेहतर है। यदि आप लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो अच्छी कंपनियों के शेयरों में गिरावट पर धीरे-धीरे निवेश कर सकते हैं।
इसके अलावा, अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना भी एक समझदारी भरा कदम होगा। सिर्फ एक ही सेक्टर पर निर्भर रहने के बजाय अलग-अलग सेक्टर्स में निवेश करें। अंततः, किसी भी निवेश से पहले अपनी रिसर्च जरूर करें या किसी वित्तीय सलाहकार से मदद लें। bazzar की अस्थिरता में सही रणनीति ही आपके पैसे को सुरक्षित रख सकती है।