Tuesday, July 1, 2025
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    ग्लोब सिविल IPO: GMP शून्य

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    ग्लोब सिविल IPO: GMP शून्य, निवेश से पहले जानें एक्सपर्ट की राय

    Globe Civil Projects का आईपीओ गुरुवार को निवेशकों के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध हो गया। पहले दिन इस पर निवेशकों से सामान्य ही रुचि देखने को मिली, जबकि अभी भी ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) शून्य पर स्थिर है।इस कारण लिस्टिंग पर लाभ की उम्मीद लगभग खत्म हो गई है। इसके अलावा, बाजार विशेषज्ञों ने भी इस इश्यू से दूर रहने की सलाह दी है। आइये इस IPO की पूरी समीक्षा करते हैं।

    आईपीओ को मिला 1.13 गुना सब्सक्रिप्शन

    ग्लोब सिविल प्रोजेक्ट्स का यह एक एसएमई आईपीओ है। पहले दिन यह कुल 1.13 गुना सब्सक्राइब हुआ। इसमें रिटेल निवेशकों ने सबसे ज्यादा रुचि दिखाई। रिटेल निवेशकों का कोटा 1.70 गुना भरा। लेकिन, गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) का हिस्सा केवल 0.55 गुना ही भर सका। वहीं, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) ने कोई बोली नहीं लगाई। अंततः, पहले दिन की यह प्रतिक्रिया निवेशकों के लिए उत्साहजनक नहीं है।

    आईपीओ की मुख्य जानकारी

    • प्राइस बैंड: ₹109 प्रति शेयर (फिक्स्ड प्राइस)
    • लॉट साइज: 1,200 शेयर
    • न्यूनतम निवेश: ₹1,30,800
    • इश्यू साइज: ₹14.80 करोड़
    • आईपीओ अवधि: 19 सितंबर से 23 सितंबर 2024
    • लिस्टिंग: NSE SME प्लेटफॉर्म

    कंपनी इस इश्यू से जुटाए गए फंड का उपयोग अपनी वर्किंग कैपिटल जरूरतों और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी। यदि आप निवेश करना चाहते हैं, तो इन बातों पर गौर करना बेहद जरूरी है।

    ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) शून्य क्यों?

    ग्लोब सिविल प्रोजेक्ट्स के IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) आज भी शून्य के स्तर पर कारोबार कर रहा है। ग्रे मार्केट एक अनौपचारिक बाजार होता है, जहां लिस्टिंग से पहले शेयरों का कारोबार निवेशकों के अनुमानों के आधार पर होता है। जीएमपी से यह संकेत मिलता है कि शेयर लिस्टिंग पर कितना प्रीमियम दे सकता है। शून्य जीएमपी का सीधा मतलब है कि ग्रे मार्केट को लिस्टिंग पर किसी भी तरह के मुनाफे की उम्मीद नहीं है। वास्तव में, यह निवेशकों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।

    कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर उठे सवाल

    ग्लोब सिविल प्रोजेक्ट्स महाराष्ट्र में निर्माण सेवाएं देने का काम करती है। कंपनी के वित्तीय आंकड़ों में एक खास पैटर्न दिखता है।

    उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का राजस्व ₹17.96 करोड़ था। वहीं, शुद्ध मुनाफा केवल ₹0.37 करोड़ रहा। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2024 में राजस्व बढ़कर ₹38.03 करोड़ हो गया। शुद्ध लाभ भी बढ़कर ₹2.22 करोड़ हो गया है। आईपीओ से तुरंत पहले कंपनी के मुनाफे में आई इस तेज वृद्धि से सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में कंपनी का मूल्यांकन काफी ऊंचा प्रतीत हो रहा है।

    ग्लोब सिविल

    एक्सपर्ट ने क्यों दी ‘Avoid’ की सलाह

    बाजार विशेषज्ञ दिलीप दावड़ा ने ग्लोब सिविल Projects के IPO में निवेश से सावधान रहने की सलाह दी है। उनके विश्लेषण के अनुसार, इस पब्लिक इश्यू में कई महत्वपूर्ण जोखिम छिपे हुए हैं।

    1. अत्यधिक प्रतिस्पर्धी क्षेत्र: कंस्ट्रक्शन का कारोबार बहुत प्रतिस्पर्धी है। इस क्षेत्र में कई छोटी-बड़ी कंपनियां काम करती हैं। इसलिए, मार्जिन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होती है।
    2. वित्तीय प्रदर्शन में संदेह: आईपीओ से ठीक पहले मुनाफे में अचानक आई तेजी टिकाऊ नहीं लगती। विशेषज्ञ मानते हैं कि इश्यू का मूल्यांकन इन्हीं बढ़े हुए आंकड़ों पर किया गया है, जो सही नहीं है।
    3. महंगा मूल्यांकन: वित्त वर्ष 2024 की कमाई के आधार पर यह इश्यू पूरी तरह से प्राइस किया गया है। यदि भविष्य में कंपनी का मुनाफा गिरता है, तो निवेशकों को भारी नुकसान हो सकता है।

    निवेशकों को अब क्या करना चाहिए

    इस आईपीओ में निवेश करने से पहले सभी जोखिमों को समझना बेहद जरूरी है। शून्य जीएमपी एक बहुत बड़ा नकारात्मक संकेत है। इसके अलावा, एक्सपर्ट की ‘Avoid’ रेटिंग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन भी चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि, रिटेल निवेशकों ने थोड़ी दिलचस्पी दिखाई है। लेकिन बड़े और संस्थागत निवेशकों की दूरी एक स्पष्ट चेतावनी है। अंततः, इस इश्यू में निवेश करना एक उच्च जोखिम वाला फैसला साबित हो सकता है।

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